बैंकों के लोन डिफॉल्टर नहीं जा सकेंगे विदेश, नीरव मोदी-मेहुल चौकसी मामले के हवाईअड्डों को मिला निर्देश

By स्वाति सिंह | Published: March 1, 2018 09:44 AM2018-03-01T09:44:19+5:302018-03-01T09:44:59+5:30

गृह मंत्रालय ने कहा कि इमिग्रेशन के जांच के दौरान अगर कोई डिफाल्टर है जो लोन का पैसा नहीं लौटा रहा उसे देश से बाहर ना जाने दें।

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बैंकों के लोन डिफॉल्टर नहीं जा सकेंगे विदेश, नीरव मोदी-मेहुल चौकसी मामले के हवाईअड्डों को मिला निर्देश

नई दिल्ली, 1 मार्च: देश के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार (28 फ़रवरी) को इमिग्रेशन ब्यूरो को निर्देश दिया कि बैंकों का लोन लेकर न चुकाने वाले डिफाल्टरों को विदेश न जाने दें। गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि ऐसे डिफाल्टरों को इमिग्रेशन जाँच में ही रोक लिया जाए और उनकी विदेश यात्रा रोक दी जाए। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 11300 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के परिवार समेत देश से भाग जाने के बाद गृह मंत्रालय ने ये निर्देश जारी किया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में इस खबर की पुष्टि की। 

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गृह मंत्रालय के अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऐसे व्यक्तियों को केवल तभी यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी जब कोई व्यक्ति किसी विशेष उद्देश्य के लिए विदेश जाने के लिए न्यायालय के आदेश की अनुमति देगा या फिर उसे किसी चिकित्सा उपचार के लिए जाना हो। इस तरह की छूट के साथ ही यह भी कहा गया है कि पहचान किए गए बकाएदारों को एक भरोसा दिलाना होगा की उनकी अनुपस्थिति के दौरान उनके परिवार के सदस्य देश में रहें। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों की सूची देने के बाद यह निर्देश जारी किया गया है इसके साथ ही विवरण करने के लिए पासपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि पासपोर्ट के नाम और नंबर इस महीनें की शुरूआत में ही भेज दिए गए थे।  

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रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 में भारत में हुई 86 प्रतिशत वित्तीय जालसाजी बैंकों से कर्ज से जुड़ी थी। पंजाब नेशनल बैंक से साथ वित्त वर्ष 2016-17 में हुई वित्तीय जालसाजियों में 99 प्रतिशत लोन से जुड़ी हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि पीएनबी में इस स्तर पर हो रही जालसाजी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार 26 बैंकों ने कहा है कि उनके साथ हुई 97 प्रतिशत जालसाजी पैसों के अग्रिम भुगतान से जुड़ी हुई रहीं। 15 बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुई 99 प्रतिशत जालसाजी लोन या कर्ज से जुड़ी हुई थी। आठ अन्य बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुए जालसाजी में 90 से 95 प्रतिशत तक लोन से जुड़ी हुई थी। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के हवाले से टीओआई ने रिपोर्ट की है कि वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकों के साथ 23,903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इसमें से 20,561 करोड़ (86 प्रतिशत) रुपये लोन संबंधित था। वित्त वर्ष 2016-17 में पीएनबी को 2788 करोड़ रुपये ( 99।  29 प्रतिशत) रुपये का चूना लगा।  

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