आईएलएंडएफएस मामला: स्वतंत्र निदेशक, रेटिंग एजेंसियां, आडिटर सेबी की जांच के घेरे में

By भाषा | Published: June 16, 2019 11:34 PM2019-06-16T23:34:32+5:302019-06-16T23:34:32+5:30

पिछले साल आईएलएंडएफएस समूह का संकट सामने आया था। उसके बाद सेबी ने इसकी जांच शुरू की थी। कई इकाइयों द्वारा भुगतान में चूक की वजह से यह संकट पैदा हुआ है।

IL & FS case: independent director, rating agencies, auditor Sebi investigating | आईएलएंडएफएस मामला: स्वतंत्र निदेशक, रेटिंग एजेंसियां, आडिटर सेबी की जांच के घेरे में

आईएलएंडएफएस मामला: स्वतंत्र निदेशक, रेटिंग एजेंसियां, आडिटर सेबी की जांच के घेरे में

कई लोग और इकाइयां आईएलएंडएफएस समूह में कथित धोखाधड़ी को लेकर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच के घेरे में हैं। इनमें स्वतंत्र निदेशक, कंपनी के शीर्ष प्रबंधन स्तर के अधिकारी, रेटिंग एजेंसियां और संकटग्रस्त आईएलएंडएफएस समूह से जुड़े आडिटर शामिल हैं। सेबी आईएलएंडएफएस समूह में कथित धोखाधड़ी मामले में भूमिका के लिए इन लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकता है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बाजार नियामक कई इकाइयों और लोगों की इस धोखाधड़ी में भूमिका की जांच कर रहा है। इनमें खुलासा और कामकाज के संचालन के नियमों के संदिग्ध उल्लंघन का मामला शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि अपनी धोखाधड़ी की गतिविधियों के जरिये अल्पांश शेयरधारकों और पूंजी बाजार के हितों को चोट पहुंचाने के लिए इनमें से कई पर जल्द कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

नियामक सूचीबद्ध कर्ज लेने वाले कुछ निकायों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। पूर्व में कर्ज चूक करने के बावजूद इन लोगों को बाद में कई बार नया ऋण दिया गया। पिछले साल आईएलएंडएफएस समूह का संकट सामने आया था। उसके बाद सेबी ने इसकी जांच शुरू की थी। कई इकाइयों द्वारा भुगतान में चूक की वजह से यह संकट पैदा हुआ है।

इन इकाइयों पर कुल मिलाकर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है। इस संकट की वजह से सरकार को आईएलएंडएफ समूह के निदेशक मंडल को भंग कर नए बोर्ड की नियुक्ति करनी पड़ी थी। इस मामले की जांच कई एजेंसियों मसलन गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा भी की जा रही है। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) समूह की कई इकाइयां गलत तरीके से कई प्रकार के घुमावदार लेनदेन में शामिल रही हैं। कई कर्जदारों को उनके खराब रिकॉर्ड के बावजूद तेजी से ऋण जारी किया गया।

जांच में यह भी सामने आया है कि आईएलएंडएफएस समूह की कई इकाइयों को विभिन्न रेटिंग एजेंसियों से ऊंची रेटिंग दी गई। इन इकाइयों ने कृत्रिम तरीके से अपने बही खाते को ‘चमकाया’ हुआ था। सूचीबद्ध कंपनियों सहित कई कर्जदार समय पर अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर रहे थे। जांच के अनुसार आईएलएंडएफएस के शीर्ष प्रबंधन को दबाव वाले खातों की जानकारी थी इसके बावजूद उन्हें नया कर्ज दिया जाता रहा।

अधिकारियों ने बताया कि समूह के शीर्ष प्रबंधन ने कर्ज चूक करने वालों से लाभ लिया। वहीं कुछ आडिटरों और रेटिंग एजेंसियों के लोगों को भी इनसे फायदा मिला। एसएफआईओ ने समूह की एनबीएफसी इकाई आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लि. (आईएफआईएन) से संबंधित अपने पहले आरोपपत्र में पूर्ववर्ती शीर्ष प्रबंधन के सदस्यों द्वारा आडिटरों और स्वतंत्र निदेशकों के साथ ‘सांठगाठ’ कर कंपनी को नुकसान पहुंचाने और कारोबार को अपनी निजी जागीर समझकर चलाने का आरोप लगाया है।

Web Title: IL & FS case: independent director, rating agencies, auditor Sebi investigating

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