अमेरिका को नैनो तरल यूरिया का निर्यात शुरू, इफको ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, 25 से अधिक देशों में 5 लाख से अधिक बोतल नैनो तरल यूरिया का निर्यात, जानें असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 22, 2023 21:37 IST2023-06-22T21:36:25+5:302023-06-22T21:37:56+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 21 जून को इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। सहकारी संस्था ने एक बयान में कहा, ‘‘इफको ने अब...संयुक्त राज्य अमेरिका को नैनो तरल यूरिया का निर्यात शुरू कर दिया है।’’

इफको नैनो तरल यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल, पारंपरिक यूरिया के कम से कम एक बैग की जगह ले लेगी।
नई दिल्लीः प्रमुख उर्वरक सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अमेरिका को तरल नैनो यूरिया के निर्यात के लिए कैलिफोर्निया स्थित कपूर एंटरप्राइजेज इंक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 21 जून को इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। सहकारी संस्था ने एक बयान में कहा, ‘‘इफको ने अब...संयुक्त राज्य अमेरिका को नैनो तरल यूरिया का निर्यात शुरू कर दिया है।’’ हालाँकि, इफको ने कपूर एंटरप्राइजेज से मिले अनुबंध की मात्रा और मूल्य के बारे में कोई विवरण नहीं दिया।
मौजूदा समय में, यह सहकारी संस्था 25 से अधिक देशों में 5 लाख से अधिक बोतल नैनो तरल यूरिया का निर्यात कर रही है। इफको ने जून 2021 में, दुनिया का पहला नैनो यूरिया उर्वरक शुरू किया, जबकि इस साल अप्रैल में नैनो डीएपी शुरू किया गया। इफको नैनो तरल यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल, पारंपरिक यूरिया के कम से कम एक बैग की जगह ले लेगी।
सहकारी संस्था ने कहा कि यह बोतल ‘लॉजिस्टिक’ और भंडारण की लागत को काफी कम कर सकती है। इसमें कहा गया है कि वाणिज्यिक बाजार में अपनी स्थापना के बाद से इफको भारत में नैनो तरल यूरिया की 5.7 करोड़ से अधिक बोतलें बेच चुकी है। नैनो यूरिया को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी और कुशल पाया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय वर्षा आधारित तराई चावल अनुसंधान स्टेशन, गेरुआ (असम) और आईआरआरआई-आईएसएआरसी परीक्षण (खरीफ 2021) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यदि देश अपने चावल क्षेत्र का 50 प्रतिशत नैनो यूरिया के तहत लाता है, तो ग्रीन हाउस गैस में 4.6 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कमी ला सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले ‘पेन मसाला’ ने बॉलीवुड के मशहूर गाने गाए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले प्रख्यात कैपेला समूह ‘पेन मसाला’ ने वहां बॉलीवुड के मशहूर गाने ‘‘छैंया-छैंया’’ तथा ‘‘जश्न ए बहारा’’ गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी । कैपेला समूह ऐसे कलाकारों का समूह है जो बिना वाद्ययंत्रों के गाने गाते हैं और कभी-कभार उस पर प्रस्तुति भी देते हैं।
इस समूह में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं। छात्रों के इस समूह ने व्हाइट हाउस के दक्षिण उद्यान में प्रधानमंत्री के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे 2000-3000 लोगों की भीड़ के सामने ये प्रस्तुति दी। पेन मसाला ने सबसे पहले 1998 में आई शाहरुख खान की फिल्म ‘‘दिल से’’ का ‘‘छैंया-छैंया’’ गाना गाया।
इसके बाद मशहूर फिल्म ‘‘जोधा-अकबर’’ के गाने ‘‘जश्न ए बहारा’’ पर अपनी कला से लोगों को रू-ब-रू कराया। उन्होंने ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के हिट ट्रैक ‘‘वीवा ला विडा’’के एक संस्करण पर भी प्रस्तुति दी। पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने 90 के दशक में इस समूह का गठन किया था। यह समूह पहले भी व्हाइट हाउस में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुका है।