शहरी क्षेत्रों में 50 वर्ग गज और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 वर्ग गज के आवासीय भूखंडों पर स्टांप शुल्क खत्म, हरियाणा सीएम नायब सैनी की घोषणा, जानें फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 28, 2025 12:39 IST2025-08-28T12:39:09+5:302025-08-28T12:39:51+5:30
आदेश प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत खरीदी गई सभी संपत्ति पर लागू होगा।

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चंडीगढ़ः हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा की कि शहरी क्षेत्रों में 50 वर्ग गज तक और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 वर्ग गज तक के आवासीय भूखंडों पर स्टांप शुल्क समाप्त कर दिया गया है। कलेक्टर दरों में हाल में हुई वृद्धि पर विपक्षी इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) द्वारा बुधवार को लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए सैनी ने कहा, ‘‘आज से स्टांप ड्यूटी शून्य हो जाएगी।’’ यह आदेश प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत खरीदी गई सभी संपत्ति पर लागू होगा।
सैनी ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष संशोधित कलेक्टर दर पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। कलेक्टर दर वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर किसी संपत्ति को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जा सकता है। संपत्ति खरीदते समय पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क इन्हीं दरों पर आधारित होते हैं।
सैनी ने सदन को बताया कि राज्य के कुल 2,46,812 खंडों में से 72.01 प्रतिशत में कलेक्टर दर में केवल 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया ‘‘डेटा-आधारित और तर्कसंगत फॉर्मूले’’ पर आधारित है, जिसके तहत प्रत्येक खंड में शीर्ष 50 प्रतिशत संपत्ति रजिस्ट्री का विश्लेषण किया गया।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में रजिस्ट्री मूल्य कलेक्टर दर से 200 प्रतिशत अधिक है, वहां अधिकतम वृद्धि 50 प्रतिशत की गई है। इनेलो विधायक आदित्य देवी लाल ने कहा, ‘‘बढ़ी हुई कलेक्टर दरों को लेकर जनता में भारी नाराजगी है।
बढ़ी हुई कलेक्टर दरों के बाद आम लोगों के लिए मकान खरीदना असंभव हो गया है।’’ विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्दा कलेक्टर दर बढ़ाने का नहीं है, बल्कि उन लोगों का है जो स्टांप ड्यूटी से बचने के लिए काले धन का इस्तेमाल कर जमीन के सौदे करते हैं।