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किसानों की कड़ी मेहनत ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को कोविड संकट से निकाला: तोमर

By भाषा | Updated: July 12, 2021 17:34 IST

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मुंबई, 12 जुलाई केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि महामारी के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र मजबूत बने रहे जिसमें वर्ष 2020-21 में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। इसका मुख्य कारण किसानों की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिकों का कौशल और सरकार की किसान हितैषी नीतियां हैं।

कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘वर्षों से अपनी ताकत दिखा रहा हमारा कृषि और ग्रामीण क्षेत्र इस महामारी के दौरान भी मजबूत बना रहा और भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया है। किसानों की अथक मेहनत, वैज्ञानिकों का कौशल और सरकार की किसान हितैषी नीतियां तथा गांवों की प्रगति के संकल्प ने कोरोना संकट में आशा की एक नई किरण दिखाई है।’’

वह राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 40वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।

तोमर ने कहा कि बाधाओं के बावजूद, देश में खाद्य आपूर्ति में कोई कमी नहीं आई तथा कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने पिछले वित्तवर्ष में लगभग 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।

मंत्री ने आगे कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद खरीफ और रबी की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है, जिसके कारण खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2020-21 में 30.54 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 लाख टन अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2020-21 में बागवानी फसलों का उत्पादन भी 32.66 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और यह वृद्धि जारी है।’’

मंत्री ने कहा कि यहां तक ​​​​कि देश के कृषि निर्यात में मई 2020 से वृद्धि हुई है, जिसमें खाद्यान्न का सबसे अधिक योगदान है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2020-21 के दौरान कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात 34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर का हो गया है।’’

तोमर ने कहा कि सरकार ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘नाबार्ड जैसे सहयोगी संस्थानों ने भी केंद्र सरकार की नवीन नीतियों और सुधारों को आगे बढ़ाने में मदद की है। छोटे और मध्यम किसानों की प्रगति सरकार का मुख्य लक्ष्य है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, सरकार ने 11 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 1,30,000 करोड़ रुपये की राशि को अंतरण किया है।’’

उन्होंने कहा कि खेती की लागत को ध्यान में रखते हुए और इसे किसानों के लिए लाभकारी बनाने के लिए, सरकार ने राज्य एजेंसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद में लगातार वृद्धि की है।

मंत्री ने कहा कि इस रिकॉर्ड खरीद में नाबार्ड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके लिए उसने राज्य विपणन संघों को लगभग 50,000 करोड़ रुपये का वितरण किया है।

उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर फसल ऋण भी उपलब्ध कराया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ग्रामीण और कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर देते हुए, मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज दिए हैं, जिससे देश में किसानों को लाभ होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य 1,00,000 करोड़ रुपये के विशेष 'कृषि बुनियादी ढांचा कोष’ के जरिए निवेश को बढ़ावा देना है। नाबार्ड भी इस योजना में एक महत्वपूर्ण भागीदार है, जिसने 35,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को 'वन-स्टॉप शॉप' के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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