गुजरात उच्च न्यायालय ने कर रिटर्न दायर करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका खारिज की
By भाषा | Published: January 14, 2021 09:18 PM2021-01-14T21:18:29+5:302021-01-14T21:18:29+5:30
नयी दिल्ली, 14 जनवरी गुजरात उच्च न्यायालय ने रिटर्न भरने की समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दी। हालांकि उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीडीटी देर से रिटर्न भरने पर जुर्माने को लेकर उदार रवैया अपना सकता है।
आयकर विभाग ने उन मामलों में रिटर्न भरने की समयसीमा को आगे बढ़ाने की मांग सोमवार को खारिज कर दी थी, जिनमें 15 फरवरी से पहले ऑडिट की आवश्यकता है।
13 जनवरी 2021 के एक मौखिक आदेश के अनुसार, अदालत ने कहा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उसे सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये।
उसने कहा, ‘‘दोनों याचिकाएं अंतत: असफल हो जाती हैं और इस कारण निरस्त की जाती हैं। इस स्तर पर हम यही कह सकते हैं कि सीबीडीटी देर से रिटर्न भरने पर जुर्माने को लेकर उदार रुख अपनाने के संबंध में परिपत्र जारी कर सकता है। हम इस मामले में सीबीडीटी के बेहतर विवेक पर निर्णय छोड़ देते हैं।’’
अभी आयकर अधिनियम की धारा 271बी के तहत रिटर्न भरने संबंधी अनुपालन में असफल रहने पर आकलन अधिकारी करदाता के ऊपर कुल बिक्री, टर्नओवर अथवा व्यवसाय की कुल प्राप्ति के 1.5 प्रतिशत के बराबर तक जुर्माना लगा सकते हैं।
गुजरात उच्च न्यायालय में ऑल इंडिया गुजरात फेडरेशन ऑफ टैक्स कंसल्टेंट्स ने याचिका दायर की थी।
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