जीएसटी राजस्व अप्रैल में सर्वकालिक ऊंचाई 1.41 लाख करोड़ रुपये पर
By भाषा | Updated: May 1, 2021 18:14 IST2021-05-01T18:14:08+5:302021-05-01T18:14:08+5:30

जीएसटी राजस्व अप्रैल में सर्वकालिक ऊंचाई 1.41 लाख करोड़ रुपये पर
नयी दिल्ली, एक मई वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जीएसटी संग्रह अप्रैल में 1.41 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति में लगातार सुधार होने का संकेत मिलता है।
अप्रैल 2021 में राजस्व मार्च के 1.23 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक है।
समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन पर जीएसटी से राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) पिछले महीने की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘जीएसटी राजस्व ने लगातार पिछले सात महीनों के दौरान न सिर्फ एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को सफलतापूर्वक पार किया है, बल्कि इसमें लगातार वृद्धि भी दर्ज की है। यह इस दौरान लगातार आर्थिक स्थिति में सुधार का स्पष्ट संकेत है। नकली-बिलिंग की जांच के साथ ही जीएसटी, आयकर और सीमा शुल्क आईटी प्रणालियों जैसे विभिन्न स्रोतों से मिले आंकड़ों के सघन डेटा एनालिटिक्स का उपयोग और प्रभावी कर प्रशासन ने लगातार कर राजस्व बढ़ाने में योगदान दिया है।’’
अप्रैल 2021 में सकल जीएसटी राजस्व 1,41,384 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा, जिसमें सीजीएसटी 27,837 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 35,621 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 68,481 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर वसूल 29,599 करोड़ रुपये के कर सहित) और उपकर 9,445 करोड़ (वस्तुओं के आयात पर पर 981 करोड़ रुपये की वसूली सहित) शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘देश के कई हिस्सों में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बावजूद, भारतीय व्यवसायों ने एक बार फिर रिटर्न दाखिल करने संबंधी जरूरतों का पालन करने के साथ ही समय पर जीएसटी बकाया का भुगतान करके उल्लेखनीय मजबूती दिखायी है।’’
कर विशेषज्ञों ने हालांकि कहा कि अप्रैल के आंकड़े मार्च में आर्थिक गतिविधियों को दर्शाते हैं और कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन के कारण आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह में कुछ गिरावट हो सकती है।
डेलॉयट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एम एस मणि ने कहा कि अप्रैल में उच्च संग्रह के आंकड़े आने वाले महीनों में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के चलते घट सकते हैं।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि असली चुनौती आगे है क्योंकि देश के अधिकांश हिस्से फिर से लॉकडाउन में हैं और अधिकांश उद्योग अस्थायी रूप से बंद हैं।
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