लो जी असर, सिर्फ दो कर स्लैब, सस्ते होंगे समान, जीएसटी को लेकर मोदी सरकार ने तैयार किया प्लान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2025 18:50 IST2025-08-15T18:45:46+5:302025-08-15T18:50:25+5:30
केंद्र ने GST के मौजूदा 12% और 28% स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है और 5% और 18% की दो दरें प्रस्तावित की हैं।

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की संशोधित व्यवस्था में पांच प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत वाली सिर्फ दो कर दरों का ही प्रस्ताव रखा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इस साल दिवाली तक मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह लेने के लिए तैयार इस संशोधित प्रारूप में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही प्रस्तावित की गई हैं।
STORY | GST revamp to see rates of 5%, 18%; 40% tax on 7 items
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फिलहाल आवश्यक खाद्य उत्पादों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी कर लगाया जाता है जबकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत, मानक वस्तुओं पर 12 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों एवं सेवाओं पर 18 प्रतिशत कर लगता है। इसके अलावा विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाता है।
सूत्रों ने कहा कि संशोधित जीएसटी व्यवस्था में दो कर स्लैब होंगे जबकि विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की एक विशेष दर होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान दिवाली तक जीएसटी दरों में काफी कमी किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे आम लोगों और छोटे एवं मझोले उद्योगों को राहत मिलेगी।
जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी परिषद की बैठक में संशोधित कर ढांचे को मंजूरी दे दिए जाने के बाद मौजूदा 12 प्रतिशत कर स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुएं पांच प्रतिशत कर स्लैब में आ जाएंगी। इसी तरह, फिलहाल 28 प्रतिशत कर के दायरे में आने वालीं लगभग 90 प्रतिशत वस्तुएं एवं सेवाएं नई व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत कर दर में स्थानांतरित हो जाएंगी।
सूत्रों ने बताया कि 40 प्रतिशत कर की विशेष दर केवल सात वस्तुओं पर लगाई जाएगी। तंबाकू उत्पाद भी इसी दर के अंतर्गत रखे जाएंगे लेकिन कराधान की कुल दर मौजूदा 88 प्रतिशत पर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि संशोधित जीएसटी से खपत को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है और ऐसा होने पर दर संशोधन से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
एक जुलाई, 2017 से लागू मौजूदा जीएसटी ढांचे में केंद्रीय एवं राज्य शुल्कों को मिला दिया गया था। इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत सबसे अधिक 65 प्रतिशत कर संग्रह 18 प्रतिशत कर से होता है। विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं पर लागू 28 प्रतिशत की उच्चतम कर दर जीएसटी राजस्व में 11 प्रतिशत का योगदान देती है, जबकि 12 प्रतिशत की दर राजस्व में केवल पांच प्रतिशत का योगदान देती है।
दैनिक उपभोग की आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत कर लगता है जिसका कुल जीएसटी संग्रह में सात प्रतिशत का योगदान है। सूत्रों ने कहा कि हीरे एवं कीमती पत्थरों जैसे उच्च श्रम-प्रधान एवं निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर मौजूदा दरों के अनुरूप ही कर लगाया जाता रहेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर में होने की उम्मीद है, जिसमें दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री-समूह की सिफारिश पर चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने मंत्री-समूह को कर स्लैब में बदलाव संबंधी अपना प्रस्ताव सौंप दिया है।