GST New Rate: क्या 22 सितंबर के बाद से एयर ट्रैवल होगा महंगा? जानें कितनी रकम चुकानी होगी
By अंजली चौहान | Updated: September 5, 2025 13:45 IST2025-09-05T13:45:07+5:302025-09-05T13:45:37+5:30
GST New Rate: जीएसटी परिषद 22 सितंबर, 2025 से दो-स्तरीय जीएसटी दर प्रणाली लागू कर रही है, जिसका असर हवाई यात्रा पर भी पड़ेगा। प्रीमियम श्रेणी के टिकटों पर जीएसटी बढ़कर 18% हो जाएगा, जबकि इकोनॉमी श्रेणी के टिकटों पर 5% ही रहेगा। बुकिंग और भुगतान के समय जीएसटी दर लागू कर का निर्धारण करती है, भले ही यात्रा की तारीख बदलाव के बाद की हो।

प्रतीकात्मक फोटो
GST New Rate: जीएसटी की नई दरों का हवाई यात्रा की टिकट कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस श्रेणी (क्लास) में यात्रा कर रहे हैं और आपकी उड़ान घरेलू है या अंतर्राष्ट्रीय। जीएसटी ने हवाई यात्रा से जुड़ी सेवाओं को एक समान कर प्रणाली के तहत ला दिया है, जिससे टैरिफ संरचना अधिक पारदर्शी हो गई है।
उदाहरण के लिए, अगर आप 24 सितंबर, 2025 के लिए हवाई जहाज का टिकट देख रहे हैं, और आप इसे 4 सितंबर, 2025 को बिज़नेस क्लास की सीट के लिए बुक करते हैं, तो आपको 12% GST देना होगा। लेकिन अगर आप प्रतीक्षा करते हैं और वही टिकट 23 सितंबर, 2025 को बुक करते हैं, तो आपको 18% GST देना होगा।
हवाई टिकटों पर जीएसटी की दरें सेवा के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती हैं:
घरेलू उड़ानें
इकोनॉमी क्लास हवाई किराए पर 5% जीएसटी लगता है।
बिजनेस क्लास हवाई किराए पर 12% जीएसटी लगता है।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर 18% जीएसटी लगता है। हालांकि, इसे "जीरो-रेटेड सप्लाई" माना जाता है, जिसका मतलब है कि यात्रियों से आमतौर पर इस पर जीएसटी नहीं लिया जाता, क्योंकि यह निर्यात के समान है।
यात्रियों पर प्रभाव
जीएसटी का सबसे सीधा प्रभाव हवाई टिकट की अंतिम कीमत पर होता है। यह सुनिश्चित करता है कि यात्री को पता हो कि वे अपने किराए के अलावा कितना कर दे रहे हैं।
बढ़ी हुई लागत: जीएसटी लागू होने के बाद इकोनॉमी क्लास के यात्रियों के लिए टिकट की लागत थोड़ी बढ़ी है, जबकि बिजनेस क्लास के किराए में भी वृद्धि हुई है।
पारदर्शिता: हवाई यात्रा की टिकट पर अब जीएसटी को एक अलग शुल्क के रूप में दिखाया जाता है, जिससे कर प्रणाली में पारदर्शिता आई है।
एयरलाइंस पर प्रभाव
जीएसटी प्रणाली ने एयरलाइंस के परिचालन और कराधान को भी प्रभावित किया है, खासकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के संबंध में।
इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC): जीएसटी के तहत, कंपनियां अपने खर्चों पर भुगतान किए गए कर का क्रेडिट (यानी, वापसी) ले सकती हैं।
इकोनॉमी क्लास के लिए कोई आईटीसी नहीं: एयरलाइंस इकोनॉमी क्लास सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले इनपुट (जैसे विमान का रखरखाव, ईंधन, आदि) पर भुगतान किए गए जीएसटी का क्रेडिट नहीं ले सकतीं। यह उनकी लागत को बढ़ाता है।
बिजनेस क्लास के लिए आईटीसी उपलब्ध: एयरलाइंस बिजनेस क्लास सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले इनपुट पर आईटीसी का लाभ उठा सकती हैं।
अन्य सेवाओं पर जीएसटी
हवाई यात्रा के दौरान प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाओं पर भी जीएसटी लगता है:
अतिरिक्त सामान (Excess Baggage): इस पर आमतौर पर 18% जीएसटी लगता है।
फ्लाइट में भोजन और पेय पदार्थ (Food and Beverages): इन पर भी 18% जीएसटी लगता है।
टिकट रद्द करना या बदलना: यदि आप अपनी टिकट रद्द करते हैं या उसमें बदलाव करते हैं, तो रद्दीकरण शुल्क या बदलाव शुल्क पर भी 18% जीएसटी लागू होता है।