GST परिषद ने विदेशी एयरलाइनों को कर में छूट देने की सिफारिश की, अभी 18% चुकाना पड़ता है टैक्स
By आकाश चौरसिया | Updated: September 3, 2024 17:20 IST2024-09-03T16:57:26+5:302024-09-03T17:20:45+5:30
जीएसटी परिषद में शामिल अधिकारियों के एक पैनल ने फॉरेन एयरलाइंस की कुछ प्रमुख आयातित सेवाओं को लेकर टैक्स भुगतान करने में छूट दी है। गौरतलब है कि इन पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म, सीजीएसटी एक्ट, 2017 की सेक्शन 15 के तहत लागू किया गया था।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: सेवा और माल कर (जीएसटी) परिषद में शामिल अधिकारियों के एक पैनल ने फॉरेन एयरलाइंस की कुछ प्रमुख आयातित सेवाओं को लेकर टैक्स भुगतान करने में छूट दी है। इनकी सिफारिश में कहा गया कि इसमें किसी भुगतान को शामिल न करें। यह कटौती देश के बाहर स्थित भारतीय ब्रांच या संबंधित संस्था से जुड़ी की सेवाओं से जुड़ी हुई हैं।
यह सिफारिश फिटमेंट समिति द्वारा व्यापक विचार-विमर्श के बाद आई है और इससे उन विदेशी एयरलाइनों को महत्वपूर्ण राहत मिल सकती है, जिन्हें जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से कर नोटिस मिले हैं।
शुरुआत में ये माना गया था कि भारत में स्थित विदेश एयरलाइनों के ब्रांच ऑफिस को 18 फीसदी कर चुकाने होंगे। गौरतलब है कि रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म, सीजीएसटी एक्ट, 2017 की सेक्शन 15 के तहत लागू किया गया था। इसका मतलब यह है कि किसी एयरलाइन की शाखा द्वारा अपने मुख्य कार्यालय या विदेश में संबंधित संस्थाओं से आयात की गई किसी भी सेवा को, भुगतान के बिना भी, कर योग्य आपूर्ति माना जाएगा।
हालांकि, विदेशी एयरलाइनों के स्पष्टीकरण देते हुए बताया था कि वो सभी तरह के खर्च उठाते हैं। इसमें फ्यूल, एयरक्राफ्ट की लीज फीस, मैनटेंसेस का खर्ट और दूसरी ऑपरेशनल कीमतें जो अंतरराष्ट्रीय उड़ाने में लगती है। इस पर कमेटी ने कहा कि हो सकता है कि एयरलाइनों को अतिरिक्त कर चुकाने से राहत दे दी जाए।