जीएसटी परिषद 56वीं बैठकः 175 चीजें होंगी सस्ती, टीवी, मक्खन, घी, मेवे, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर तक सस्ते, देखिए लिस्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2025 16:24 IST2025-09-03T16:22:31+5:302025-09-03T16:24:42+5:30

GST Council 56th meeting: प्रस्ताव के अनुसार 12 प्रतिशत की श्रेणी में आने वाली 99 प्रतिशत वस्तुएं जैसे मक्खन, फलों के रस और सूखे मेवे पांच प्रतिशत कर दर में आ जाएंगी।

GST Council 56th meeting 175 items become cheaper TV, butter, ghee, dry fruits, washing machine and even refrigerators, see list | जीएसटी परिषद 56वीं बैठकः 175 चीजें होंगी सस्ती, टीवी, मक्खन, घी, मेवे, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर तक सस्ते, देखिए लिस्ट

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Highlightsआम इस्तेमाल की वस्तुओं को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर स्लैब में लाने की संभावना है।हेयर पिन जैसी आम उपयोग की वस्तुओं को भी पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया जा सकता है।टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों में कमी होने की भी संभावना है।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर विचार-विमर्श बुधवार को शुरू किया गया। प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को हटाकर केवल पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें रखना प्रमुख है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से कर लिया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार 12 प्रतिशत की श्रेणी में आने वाली 99 प्रतिशत वस्तुएं जैसे मक्खन, फलों के रस और सूखे मेवे पांच प्रतिशत कर दर में आ जाएंगी।

इसके अलावा घी, मेवे, पीने का पानी (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां और चिकित्सकीय उपकरण जैसी ज्यादातर आम इस्तेमाल की वस्तुओं को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर स्लैब में लाने की संभावना है। पेंसिल, साइकिल, छाते से लेकर हेयर पिन जैसी आम उपयोग की वस्तुओं को भी पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया जा सकता है।

कुछ श्रेणी के टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों में कमी होने की भी संभावना है, क्योंकि इन पर मौजूदा 28 प्रतिशत की तुलना में 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा सकता है। वाहनों पर इस समय 28 प्रतिशत की उच्चतम दर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू है, लेकिन अब उन पर अलग-अलग दरें लागू हो सकती हैं।

शुरुआती स्तर की कारों पर 18 प्रतिशत की दर लागू होगी जबकि एसयूवी व लक्जरी कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। इसके अलावा 40 प्रतिशत की विशेष दर अवगुणों से संबंधित वस्तुओं, जैसे तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर भी लागू होगी। इस श्रेणी के लिए इस दर के ऊपर एक अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों ने मांग की है कि 40 प्रतिशत की दर के ऊपर लगाया गया कोई भी कर राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि उनके राजस्व घाटे की भरपाई की जा सके। विपक्षी दलों के शासन वाले आठ राज्यों में हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

वहीं आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने कहा कि उनका राज्य केंद्र के जीएसटी दर प्रस्तावों का समर्थन कर रहा है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सहयोगी है। केशव ने परिषद की बैठक से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘ एक गठबंधन सहयोगी के तौर पर हम जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के केंद्र के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यह आम आदमी के हित में है।’’

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