केंद्रीय माल-सेवा कर नोटिफिकेशन जारी, नई दरें 22 सितंबर से लागू, ये चीजें सस्ती

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 17, 2025 19:46 IST2025-09-17T19:45:20+5:302025-09-17T19:46:22+5:30

जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद 22 सितंबर से नई व्यवस्था के तहत अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं पर पांच और 18 प्रतिशत की दर से ही कर लगेगा।

gst Central Goods and Services Tax notification issued new rates applicable September 22 these things become cheaper | केंद्रीय माल-सेवा कर नोटिफिकेशन जारी, नई दरें 22 सितंबर से लागू, ये चीजें सस्ती

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Highlightsजीएसटी व्यवस्था के तहत प्राप्त राजस्व को केंद्र एवं राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।विलासिता वाली वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगेगा।जीएसटी की चार कर दरें हैं जो पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं।

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने उत्पादों के लिए केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) की दरें अधिसूचित कर दी हैं। नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। इस अधिसूचना के बाद राज्यों को भी अपने स्तर पर राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) की दरें अधिसूचित करनी होंगी। जीएसटी व्यवस्था के तहत प्राप्त राजस्व को केंद्र एवं राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।

जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद 22 सितंबर से नई व्यवस्था के तहत अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं पर पांच और 18 प्रतिशत की दर से ही कर लगेगा। हालांकि विलासिता वाली वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगेगा जबकि तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ उपकर जारी रहेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत जीएसटी की चार कर दरें हैं जो पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं।

इसके साथ विलासिता एवं अहितकर उत्पादों पर अलग से उपकर भी लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश वस्तुओं पर कर दरों में कटौती के साथ अब व्यापार और उद्योग जगत पर यह दायित्व है कि वे इन संशोधनों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं और समयबद्ध तरीके से अनुपालन सुनिश्चित करें। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि सरकार ने अधिसूचना में स्पष्ट दर अनुसूचियां जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी है और अब उद्योग जगत को इसे शीघ्र लागू करना होगा।

ईवाई में कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि दरों में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद कंपनियों को अपनी केंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली ईआरपी और मूल्य निर्धारण नीतियों में तुरंत बदलाव कर उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अब तक 22 राज्यों को 50 साल की ब्याज-मुक्त सहायता के तहत लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। सीतारमण ने यहां 'सीआईआई जीसीसी बिजनेस समिट' को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पूंजीगत निवेश (राज्यों समेत) बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.1 प्रतिशत हो गया।

जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह सिर्फ 1.7 प्रतिशत था। सीतारमण ने कहा, “केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 50 साल की ब्याज-मुक्त सहायता भी प्रदान की है ताकि वे अपनी पूंजीगत संपत्तियों को बढ़ा सकें और उन पर खर्च के लिए धन जुटा सकें। केंद्र ने सभी राज्यों को 50 साल की ब्याज-मुक्त राशि दी है और अब तक कुल मिलाकर लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

यह पिछले चार वर्षों की बात है।" उन्होंने कहा, "अब तक 22 राज्यों ने इसका इस्तेमाल किया है, जिससे उनके अपने संसाधनों से पूंजीगत व्यय में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है।” वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 88 हवाई अड्डे चालू हुए, करीब 31,000 किलोमीटर की नई रेल पटरियां बिछाई गईं, मेट्रो नेटवर्क चार गुना बढ़ा, बंदरगाह क्षमता दोगुनी हुई और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 60 प्रतिशत का विस्तार हुआ है।

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