राजस्व में कमी की भरपाई के लिए दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी सरकार

By भाषा | Updated: September 27, 2021 22:49 IST2021-09-27T22:49:55+5:302021-09-27T22:49:55+5:30

Government will take a loan of Rs 5.03 lakh crore in the second half to compensate for the shortfall in revenue | राजस्व में कमी की भरपाई के लिए दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी सरकार

राजस्व में कमी की भरपाई के लिए दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी सरकार

नयी दिल्ली, 27 सितंबर सरकार राजस्व में कमी की भरपाई के लिए चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार यह कर्ज लेगी।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने बांड जारी कर 7.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘आम बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये के सकल ऋण का अनुमान लगाया है। इसमें से 60 प्रतिशत यानी 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहली छमाही में जुटाने की योजना बनाई गई थी।’’

बयान में कहा गया है कि पहली छमाही में 7.02 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। अब सरकार की योजना शेष 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दूसरी छमाही में लेने की है।

दूसरी छमाही के ऋण अनुमान में जीएसटी मुआवजे के एवज में एक के बाद एक ली गई ऋण सुविधा के तहत राज्यों को शेष राशि जारी करने की जरूरत को भी शामिल किया गया है।

पहली छमाही के दौरान केंद्र ने जीएसटी मुआवजे के एवज में उपलब्ध कराई गई ऋण सुविधा के तहत राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 75,000 करोड़ रुपये जारी किए थे। राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 1.58 लाख करोड़ रुपये में से बची 83,000 करोड़ रुपये की राशि एक अक्टूबर से शुरू हो रही दूसरी छमाही में जारी किए जाएंगे।

बयान में कहा गया है कि यह कर्ज 2, 5, 10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियों और फ्लोटिंग दर वाले बांड (7 से 8 साल की अवधि और 13 साल) के रूप में होगा। यह कर्ज 21 सप्ताह में लिया जाएगा। प्रति सप्ताह 24,000 या 23,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।

विभिन्न परिपक्वता अवधि के तहत कर्ज का हिस्सा..दो साल- चार प्रतिशत, पांच साल-11.9 प्रतिशत, 10 साल-28.4 प्रतिशत, 14 साल-17.9 प्रतिशत, 30 साल-13.9 प्रतिशत और 40 साल-15.1 प्रतिशत के रूप में होगा।

फ्लोटिंग दरों के बांड के तहत कर्ज 8.8 प्रतिशत पर होगा। 13 साल के अलावा सरकार 7-8 साल का एक और फ्लोटिंग दर के बांड जारी करेगी।

बजट 2021-22 के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल कर्ज 12.05 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

सकल ऋण में पुराने कर्ज का भुगतान भी शामिल होता है। अगले वित्त वर्ष में पुराने ऋण का भुगतान 2.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

सरकार, दिनांकित प्रतिभूतियों तथा ट्रेजरी बिलों के जरिये बाजार से धन जुटाकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करती है।

बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। बीते वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान था जबकि, वास्तविक राजकोषीय घाटा 9.3 प्रतिशत रहा।

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