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सरकार किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिये तैयार, अगली बैठक में समाधान की उम्मीद: तोमर

By भाषा | Updated: December 3, 2020 22:53 IST

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नयी दिल्ली, तीन दिसंबर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत मंडियों को मजबूत बनाने, प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने और विवाद समाधान के लिये किसानों को ऊंची अदालतों में जाने की आजादी दिये जाने जैसे मुद्दों पर विचार को तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद व्यवस्था जारी रहेगी।

कृषक संगठनों के प्रतिनिधियो के साथ करीब आठ घंटे चली लंबी बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि कंपनियों से किसानों की जमीन को काई खतरा नहीं है और जरूरत पड़ी तो सरकार यह चीज साफ करने को तैयार है।

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की तरफ से विज्ञान भवन में चौथे दौर की बातचीत का नेतृत्व करते हुए तोमर ने यह भी कहा कि अगली बैठक शनिवार को दोपहर दो बजे होगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि उस बैठक में मामला निर्णायक स्तर पर पहुंचेगा और कोई समाधान होगा।

उन्होंने किसान संगठनों से ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए अपना विरोध-प्रदर्शन समाप्त करने की भी अपील की।

तोमर ने कहा कि इसमें अहंकार की कोई बात नहीं है और सरकार खुले मन से तीनों कानूनों को लेकर किसानों की चिंता वाले महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा तथा विचार करने को तैयार है। इसमें कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) मंडी प्रणाली को मजबूत बनाना, प्रस्तावित निजी मंडियों के साथ कर समानता तथा किसानों के लिये किसी भी विवाद समाधान के लिये उच्च अदालतों में जाने की स्वतंत्रता की बात शामिल हैं।

मंत्री ने कहा कि शनिवार को बातचीत से पहले सरकार और किसान संगठनों के नेता इन मुद्दों पर शुक्रवार को अपने अपने स्तर पर विचार करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों में संशोधन को तैयार है, तोमर ने कहा, ‘‘मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं। जब हम शनिवार को मिलेंगे, हमें मसले के समाधान की दिशा में बढ़ने की उम्मीद है।’’

हालांकि, किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि वे कुछ और नहीं बल्कि विवादास्पद कानून को समाप्त होना देखना चाहते हैं।

बैठक के बाद एक किसान नेता ने कहा, ‘‘सरकार संशोधन चाहती है, लेकिन हम वह नहीं चाहते। हमने उनसे कहा है कि हम चाहते हैं कि तीनों कानून निरस्त हो।’’

किसान संगठनों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों में कुछ संशोधनों पर विचार की पेशकश की है, लेकिन पेशकश को ठुकरा दिया गया है।’’

बयान के अनुसार, ‘‘किसानों ने सरकार को कह दिया है कि उसके पास केवल दो विकल्प हैं। या तो वह कानूनों को निरस्त करे या विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिये बल का प्रयोग करे।’’

तोमर ने कहा कि सरकार पराली जाये जाने और बिजली संबंधित कानून पर अध्यादेश से संबंधित किसानों की चिंता पर भी गौर करने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रक्रिया जारी रखने, उसमें सुधार और उसके विस्तार को लेकर प्रतिबद्ध है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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