सरकार ने कीमतों में नरमी के लिए कच्चे पाम, सोयाबीन, सूरजमुखी तेल से मूल सीमा शुल्क समाप्त किया

By भाषा | Published: October 13, 2021 07:04 PM2021-10-13T19:04:56+5:302021-10-13T19:04:56+5:30

Government abolishes basic customs duty on crude palm, soybean, sunflower oil to soften prices | सरकार ने कीमतों में नरमी के लिए कच्चे पाम, सोयाबीन, सूरजमुखी तेल से मूल सीमा शुल्क समाप्त किया

सरकार ने कीमतों में नरमी के लिए कच्चे पाम, सोयाबीन, सूरजमुखी तेल से मूल सीमा शुल्क समाप्त किया

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मूल सीमा शुल्क को हटा दिया है और इसके साथ ही रिफाइंड खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की है। इस कदम से त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिलेगी।

खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए ने कहा कि इससे आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि 14 अक्टूबर से प्रभावी आयात शुल्क और उपकर में कटौती 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी।

कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) भी कम किया गया है।

कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर पांच प्रतिशत होगी। पहले उपकर 20 प्रतिशत था जबकि मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत था।

इस कटौती के बाद कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 प्रतिशत का होगा। कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क क्रमशः 5.5 प्रतिशत - 5.5 प्रतिशत होगा। पहले इन तीन कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क दर 24.75 प्रतिशत थी।

इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इन तेलों के रिफाइंड संस्करण पर एआईडीसी नहीं लगता है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है।’’

हालांकि, उन्होंने कहा है कि यह इस फैसले के लिए सही समय नहीं है, क्योंकि इससे किसानों की आय प्रभावित हो सकती है। मेहता ने कहा, ‘‘सोयाबीन और मूंगफली की कटाई शुरू हो गई है। आयात शुल्क को कम करने के निर्णय से बाजार की कीमतों में कमी आ सकती है और किसानों को कम कीमत मिल सकती है।"

खुदरा कीमतों पर इस फैसले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, मेहता ने कहा, "इस शुल्क कटौती के फैसले के बाद रिफाइंड पाम तेल की खुदरा कीमतों में 8-9 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है, जबकि रिफाइंड सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में 12-15 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है।’’

उन्होंने कहा कि आमतौर पर भारत द्वारा अपने आयात शुल्क को कम करने के बाद अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि होती है।

घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के अपने प्रयासों के तहत पिछले कुछ महीनों में सरकार द्वारा शुल्क में चौथी बार कटौती की गई है। सरकार ने स्टॉक होल्डिंग सीमा लगाने सहित अन्य कदम भी उठाए हैं।

वैश्विक कारकों और स्थानीय स्तर पर आपूर्ति की कमी के कारण पिछले एक साल में घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेल की कीमतों में 46.15 प्रतिशत तक की तेजी आई है।

भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल जरूरतों को आयात के माध्यम से पूरा करता है।

एसईए के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल के सर्वकालिक उच्च आयात के कारण सितंबर के दौरान खाद्य तेलों का आयात 63 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 16.98 लाख टन हो गया।

इससे पहले अक्टूबर 2015 में भारत ने 16.51 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था।

भारत द्वारा वर्ष 1996 में पाम तेल का आयात शुरू करने के बाद से सितंबर 2021 में 12.62 लाख टन पाम तेल का आयात किया गया जो किसी एक महीने में किया गया सबसे अधिक आयात है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नौ अक्टूबर को सोया तेल की औसत खुदरा कीमत 154.95 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपये प्रति किलोग्राम से 46.15 प्रतिशत अधिक है।

इसी तरह, सरसों तेल की औसत कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 184.43 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 129.19 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि वनस्पति की कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 136.74 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 95.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

सूरजमुखी के मामले में, इसकी औसत खुदरा कीमत इस साल नौ अक्टूबर को 38.48 प्रतिशत बढ़कर 170.09 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 122.82 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि पाम तेल की कीमत 38 प्रतिशत बढ़कर 132.06 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई जो पहले 95.68 रुपये किलो थी।

इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।

देश मुख्य रूप से अर्जेंटीना से और उसके बाद ब्राजील से कच्चे सोयाबीन के तेल का आयात करता है, जबकि कच्चे सूरजमुखी तेल मुख्य रूप से यूक्रेन से आयात किया जाता है, इसके बाद रूस और अर्जेंटीना का स्थान आता है।

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Web Title: Government abolishes basic customs duty on crude palm, soybean, sunflower oil to soften prices

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