Google Play Store: गूगल प्ले स्टोर से इंफो एज के नौकरी, शिक्षा, 99 एकड़ ऐप गायब, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- अनुमति नहीं दी जाएगी, लेंगे एक्शन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 2, 2024 01:34 PM2024-03-02T13:34:25+5:302024-03-02T14:24:27+5:30
Google Play Store: गूगल ने कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित देश की 10 कंपनियों ने प्ले स्टोर से लाभ होने के बावजूद शुल्क का भुगतान नहीं किया है।
Google Play Store: गूगल के अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप हटाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सरकार ने इस संबंध में गूगल और संबंधित स्टार्टअप को बैठक के लिए अगले सप्ताह बुलाया है। आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। मंत्री की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है, क्योंकि गूगल ने शुक्रवार को सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को लेकर भारत में अपने प्ले स्टोर से एक लोकप्रिय 'मैट्रिमोनी' ऐप सहित कुछ ऐप को हटाना शुरू कर दिया था। इन ऐप और जानेमाने स्टार्टअप संस्थापकों ने इस पर आपत्ति जताई थी।
वैष्णव ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा, ''भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है... हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है।'' मंत्री ने कहा कि सरकार विवाद सुलझाने के लिए अगले सप्ताह गूगल और प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप के डेवलपर से मुलाकात करेगी। वैष्णव ने कहा, ''मैंने पहले ही गूगल से बात की है... मैंने उन ऐप डेवलपर से भी बात की है, जिन्हें हटाया गया है।
हम उनसे अगले हफ्ते मिलेंगे... इस तरह (ऐप को) हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।'' उन्होंने कहा कि भारत ने 10 वर्षों में एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न का एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। मंत्री ने कहा, ''युवाओं और उद्यमियों की ऊर्जा को सही दिशा देनी चाहिए और इसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी की नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।''
इससे पहले गूगल ने शुक्रवार को कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित कई कंपनियां उसके ‘बिलिंग’ मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। ये कंपनियां बिक्री पर लागू प्ले स्टोर सेवा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही हैं। इसके साथ ही गूगल ने चेतावनी दी थी कि वह गूगल प्ले पर ऐसे गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाने में संकोच नहीं करेगी।
गूगल ने कहा कि इन डेवलपर को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया। इसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिया गया तीन सप्ताह का समय भी शामिल है। गूगल ने कहा कि इसके बाद अब वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है, कि उसकी नीतियां सभी पर समान रूप से लागू हों।
कंपनी ने कहा कि जरूरी होने पर गूगल प्ले से गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाया जा सकता है। इसके बाद शुक्रवार को ही शादी डॉट कॉम, मैट्रिमोनी डॉट कॉम, भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स का ऑल्ट (पूर्व में ऑल्ट बालाजी), ऑडियो मंच कुकू एफएम, डेटिंग सेवा क्वैक क्वैक और ट्रूली मैडली के ऐप प्ले स्टोर पर सर्च करने पर नहीं मिले। इंफो एज ने बताया कि उसके ऐप भी प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं।
इंफो एज (इंडिया) लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसके मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इनमें नौकरी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम और शिक्षा डॉट कॉम शामिल हैं। इससे एक दिन पहले गूगल ने सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को लेकर भारत में अपने प्ले स्टोर से कुछ लोकप्रिय ऐप सहित अन्य ऐप को हटाना शुरू कर दिया था।
गूगल ने कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित देश की 10 कंपनियों ने प्ले स्टोर से लाभ होने के बावजूद शुल्क का भुगतान नहीं किया है। इंफो एज (इंडिया) लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया, ''गूगल ने कंपनी के मोबाइल एप्लिकेशन (नौकरी डॉट कॉम, नौकरी रिक्रूटर, नौकरीगल्फ जॉब सर्च ऐप, 99 एकड़ डॉट कॉम) को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।''
इंफो एज ने बताया कि कुछ अन्य कंपनियों के ऐप को भी हटाया गया है। शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा गया है कि यह कार्रवाई कंपनी के लिए आश्चर्य की बात है क्योंकि गूगल ने उचित नोटिस दिए बिना ऐसा किया। इंफो एज ने साफ किया कि जिन उपयोगकर्ताओं के मोबाइल डिवाइस पर पहले से ही उसके मोबाइल ऐप डाउनलोड हैं, वे इनका उपयोग जारी रख सकते हैं।
इसके अलावा अन्य मंचों (जैसे एप्पल ऐप स्टोर) के जरिए ऐप का उपयोग करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इंफो एज ने बताया कि वह इस संबंध में गूगल के साथ काम कर रही है, ताकि कंपनी के मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।