Goods and Services Tax GST: 2017 को जीएसटी लागू, 6 साल पूरे होने बनाया रिकॉर्ड, जीएसटी संग्रह 6 बार 1.50 लाख करोड़ के आंकड़े को पार!
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 1, 2023 15:25 IST2023-07-01T15:11:29+5:302023-07-01T15:25:12+5:30
Goods and Services Tax GST: वित्त मंत्रालय ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जून में 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

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Goods and Services Tax GST: देश की अर्थव्यवस्था के लिए साल के सातवें महीने का यह पहला दिन इतिहास में अपनी जगह बना गया, जब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार 2017 में इसी दिन देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को अमल में लेकर आई। देश की कर प्रणाली में सुधार की दिशा में इसे अत्यंत महत्वपूर्ण कदम करार दिया गया।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने 6 साल आज पूरे किए। 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। मार्च में यह 1.60 लाख करोड़ रुपये रहा था। जून 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी संग्रह वाला लगातार 15वां महीना है।
Gross GST revenue collected in the month of June 2023 is Rs 1,61,497 crore; records 12% year-on-year growth: Ministry of Finance pic.twitter.com/oJEt2ROg0G
— ANI (@ANI) July 1, 2023
एक जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद जीएसटी संग्रह 6 बार 1.50 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.57 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह लगातार चौथा महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। मई, 2022 में जीएसटी संग्रह 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था।
Goods and Services Tax (GST) grows 12 pc to over Rs 1.61 lakh crore in June: FinMin
— Press Trust of India (@PTI_News) July 1, 2023
उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट और 13 उपकर जैसे 17 स्थानीय शुल्क शामिल थे। जीएसटी लागू होने के छह साल के भीतर मासिक कर राजस्व बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा है। अप्रैल 2023 में राजस्व 1.87 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
वहीं शुरुआती दौर में औसत मासिक राजस्व 85,000-95,000 करोड़ रुपये हुआ करता था। मासिक राजस्व में लगातार वृद्धि के साथ, जीएसटी अधिकारी अब धोखेबाजों को पकड़ने और कर चोरी पर अंकुश लगाने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।