Gameskraft lays off: मोदी सरकार ने किया बैन?, गेम्सक्राफ्ट ने 120 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2025 16:16 IST2025-09-18T16:15:31+5:302025-09-18T16:16:17+5:30
Gameskraft lays off: बयान के अनुसार, ‘‘मौजूदा नियामकीय परिदृश्य ने हमें अपना कारोबार पूरी तरह से बंद करने पर मजबूर कर दिया है और हमारे पास कंपनी के स्तर पर पुनर्गठन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’

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नई दिल्लीः ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 2025 के पारित होने के बाद नए नियामकीय परिदृश्य में 120 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। कंपनी ने बयान में कहा कि इस कानून के प्रभाव जटिल और दूरगामी हैं। इसका इस क्षेत्र और गेम्सक्राफ्ट पर तत्काल और गहरा प्रभाव पड़ा है। बयान के अनुसार, ‘‘मौजूदा नियामकीय परिदृश्य ने हमें अपना कारोबार पूरी तरह से बंद करने पर मजबूर कर दिया है और हमारे पास कंपनी के स्तर पर पुनर्गठन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘इस पुनर्गठन के तहत, सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद, हम अभी विभिन्न टीमों और कार्यों में लगे 120 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं। यह निर्णय हम बहुत भारी मन से ले रहे हैं। चूंकि कारोबार बाहरी वास्तविकताओं के अनुरूप विकसित होता रहेगा, इसलिए आगे संरचनात्मक परिवर्तनों की आवश्यकता हो सकती है।’’
बयान में कहा गया, गेम्सक्राफ्ट सभी प्रभावित कर्मचारियों के साथ उनके रोजगार समझौतों के अनुसार खड़ी रहेगी। इसमें केवल मूल वेतन के आधार पर नहीं बल्कि कुल वेतन के आधार पर बचे हुए अवकाश के बदले नकदी की सुविधा भी शामिल है। समूह स्वास्थ्य बीमा मार्च, 2026 तक या प्रभावित कर्मचारियों के नई नौकरी में शामिल होने तक, जो भी पहले हो, सक्रिय रहेगा।
कर्मचारी अपनी समूह योजना को व्यक्तिगत योजना में बदल सकते हैं और आश्रित माता-पिता कवरेज में बने रहेंगे। पैसा आधारित गेमिंग कारोबार में लगी कई कंपनियों ने अपने अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। संसद ने 21 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025 को पारित किया। इसमें ई-स्पोर्ट्स और अन्य ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार के पैसा आधारित ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाया गया है।