विदेशों में भारतीय मसालों पर लगी पाबंदी के बाद FSSAI की जांच, 12% मसाले क्वालिटी में हुए फेल
By आकाश चौरसिया | Updated: August 18, 2024 17:15 IST2024-08-18T17:01:04+5:302024-08-18T17:15:46+5:30
सूचना के अधिकार को रॉयटर्स ने पता किया, मई और जुलाई की शुरुआत के बीच परीक्षण किए गए 4,054 नमूनों में से 474 गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारत के बाहर कई देशों में भारतीय मसालों पर लगी पाबं के बाद उन सभी पॉपुलर ब्रांड के मसालों के सैंपल पर जांच की, तो ऐसे में रॉयटर्स की रिपोर्ट आई है कि करीब 12 फीसदी मसाले अपनी बताई गुणवत्ता और सुरक्षात्मक मानक पर खरे नहीं उतरे हैं।
कीटनाशकों के उच्च स्तर के कारण अप्रैल में हांगकांग द्वारा एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांडों के कुछ मिश्रणों की बिक्री को निलंबित करने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने मिश्रित मसाला मिश्रणों का निरीक्षण, सैंपल और परीक्षण किया।
इसके बाद ब्रिटेन ने भारत से सभी मसालों के आयात पर नियंत्रण कड़ा कर दिया, जबकि न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे ब्रांडों से संबंधित मुद्दों पर गौर कर रहे हैं। एमडीएच और एवरेस्ट के मसाले भारत में काफी लोकप्रिय हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मसालों का निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता है।
एमडीएच और एवरेस्ट के मसाले यूरोप, एशिया और उत्तर अमेरिका में बड़ी मात्रा में बिकते हैं। इस आंकड़ें को सूचना के अधिकार को रॉयटर्स ने पता किया, मई और जुलाई की शुरुआत के बीच परीक्षण किए गए 4,054 नमूनों में से 474 गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे।
सुरक्षा एजेंसी ने एक बयान में रॉयटर्स को बताया कि उसके द्वारा परीक्षण किए गए मसालों के ब्रांडों के पास कोई खराबी नहीं है, लेकिन इसमें शामिल कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। भारतीय कानून के तहत दंड प्रावधानों का जिक्र करते हुए, बिना विस्तार से बताए, "गैर-अनुरूप नमूनों पर कार्रवाई निर्धारित की गई है।"
रॉयटर्स ओपन रिकॉर्ड्स अनुरोध ने उन सभी नमूनों पर रिपोर्ट मांगी जो परीक्षण में विफल रहे, लेकिन एजेंसी ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं थीं। सिय्योन मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2022 में भारत के घरेलू मसाला बाजार का मूल्य 10.44 बिलियन डॉलर था। मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में मसालों और मसाला उत्पादों का निर्यात रिकॉर्ड 4.46 बिलियन डॉलर हुआ।