नयी दिल्ली, 15 जून केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मंगलवार को सहकारी संस्था नाफेड के पोषक तत्वों से परिपूर्ण चावल छिल्का तेल (राइस ब्रान ऑयल) को बाजार में पेश करते हुये कहा कि इससे भारत में खाद्यतेलों के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।
पांडे ने कहा कि नेफेड की इस पहल से भविष्य में आयातित खाद्य तेल पर देश की खपत निर्भरता में काफी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय खाद्य तेल विनिर्माताओं को आगे और अवसर प्रदान करेगा, और प्रधान मंत्री की आत्मानिर्भर भारत पहल को भी गति देगा।
इस चावल की भूसी के तेल का विपणन नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) द्वारा किया जाएगा।
खाद्यतेल को आभासी तरीके से जारी करने के मौके पर अरुण सिंघल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), संजीव कुमार चड्ढा, प्रबंध निदेशक, नेफेड और आतिश चंद्र, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भी उपस्थित थे। .
एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि हाल ही में नेफेड और एफसीआई के बीच परिष्कृत चावल गूदे के उत्पादन और विपणन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस पहल के बारे में नेफेड के एमडी संजीव कुमार चड्ढा ने कहा कि इस पहल से स्वदेशी तेल निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
बयान में कहा गया है कि चावल की भूसी के तेल के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इससे कॉलस्ट्राल को कम रखता है। यह एक बूस्टर के रूप में भी काम करता है और इसमें विटामिन ई की उच्च मात्रा के कारण कैंसर का खतरा भी कम होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस तेल की सिफारिश अन्य खाद्य तेलों के सर्वोत्तम विकल्प के रूप में की गई है।
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