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वित्त मंत्रालय ने रेलवे में अप्रेंटिसशिप योजना फिर से शुरू करने का सुझाव दिया

By भाषा | Updated: September 22, 2021 22:08 IST

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नयी दिल्ली, 22 सितंबर वित्त मंत्रालय ने रेलवे को 94 साल पुरानी प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) योजना फिर से शुरू करने की सिफारिश की है। इसे 2015 में बंद कर दिया गया था। इस सिफारिश का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रेल परिवहन क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है।

स्पेशल क्लास रेलवे अपरेंटिस (एससीआरए) कार्यक्रम 1927 में तैयार किया गया था। इसके तहत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) भारतीय रेलवे के जमालपुर स्थित मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संस्थान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक कार्यक्रम में प्रशिक्षण के लिए उम्मीदवारों का चयन करता था। योजना 2015 में बंद कर दी गयी।

वित्त मंत्रालय ने रेलवे को युक्तिसंगत बनाने पर अपनी रिपोर्ट में इस कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की सिफारिश की है। इसमें रेलवे में उपयोग होने वाली तकनीक के क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट का हिस्सा है। रिपोर्ट में रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों और रेलटेल, क्रिस तथा आईआरसीटीसी जैसे आईटी इकाइयों को विलय कर एक कंपनी बनाने सहित कई सिफारिशें की गई हैं।

रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड को सुव्यवस्थित करने के साथ स्कूल चलाने, अस्पताल, खानपान जैसी गैर-प्रमुख गतिविधियों की समीक्षा करने की भी सिफारिश की गई है।

वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार रिपोर्ट में रेलवे में वडोदरा स्थित राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) अप्रेंटिसशिप योजना फिर से शुरू करने की सिफारिश की गई है।

वित्त मंत्रालय का कहना है नियमित शैक्षणिक संस्थानों से स्नातक डिग्रीधारकों को लेने और उन्हें फिर रेल से जुड़ी विशिष्ट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए संसाधन खर्च करने की वर्तमान प्रथा से संसाधन का अपव्यय होता है। साथ ही इससे प्रशिक्षित कार्यबल को शामिल करने में देरी होती है।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि रेलवे को विशेष प्रशिक्षण और कौशल वाले कार्यबल की जरूरत है। यह सामान्य शैक्षणिक संस्थानों से आये स्नातक डिग्रीधारकों को संस्थानों में मिले प्रशिक्षण से अलग है। ऐसे में अप्रेंटिसशिप योजना को फिर से शुरू करना अनिवार्य है, जिसमें रेलवे में उपयोग की जाने वाली विशेष तकनीक के क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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