वित्त मंत्रालय की सलाह- BSNL और MTNL को बंद कर दिया जाए: रिपोर्ट
By विनीत कुमार | Updated: October 9, 2019 14:46 IST2019-10-09T14:46:47+5:302019-10-09T14:46:47+5:30
एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों को बंद करने में 95,000 करोड़ रुपये की लागत नहीं आयेगी जैसा कि पहले दूरसंचार विभाग ने कहा था।

BSNL और MTNL बंद होंगे! (फाइल फोटो)
दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से BSNL और MTNL के उद्धार के लिए 74,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव के बाद अब खबर आई है कि वित्त मंत्रालय ने इन दोनों कंपनियों को बंद करने की सलाह दी है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से इस संबंध में रिपोर्ट छापी है।
इस रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया है कि इन कंपनियों को बंद करने में 95,000 करोड़ रुपये की लागत नहीं आयेगी जैसा कि पहले दूरसंचार विभाग ने कहा था। 95 हजार करोड़ की लागत दरअसल सभी बीएसएनएल के 1.65 लाख कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट (वीआरएस) की स्कीम देने की वजह से आ रही थी।
हालांकि, इन्हें दोनों पब्लिक सेक्टर यूनिट को बंद करने में जरूरी नहीं है कि सभी को वीआरएस दिया जाए। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों कंपनियों में तीन तरह के कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें पहले वे हैं जो सीधे नियुक्त किये गये, वहीं दूसरे वे हैं दो दूसरे सरकारी विभागों या पब्लिक सेक्टर यूनिट से इसमें आये। तीसरे तरह के कर्मचारी इंडियन टेनिकॉम्यूनिकेशन सर्विस (आईटीएस) अधिकारी हैं।
ऐसे में जरूरी नहीं है कि आईटीएस अधिकारियों को वीआरएस दिया जाए। इन्हें दूसरे सरकारी विभाग में भी नियुक्त किया जा सकता है। जिनकी नियुक्ति सीधे तौर पर हुई है उनमें कई जूनियर स्टाफ हैं और ज्यादातर कर्मचारी टेक्निशियन हैं जिनकी सैलरी बहुत ज्यादा नहीं है। इनकी संख्या भी समूचे कर्मचारियों की संख्या के मुकाबले 10 प्रतिशत से कम है। ऐसे में दूसरे विभागों से आये कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दी जा सकती है और इसमें कुछ लागत जरूर आयेगी।
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल से हर वर्ग में कर्मचारियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई है ताकि दोनों कंपनियों को बंद करने में आने वाली लागत का अनुमान लगाया जा सके।