केंद्र का सरकारी और निजी को निर्देश- ऋण वसूली के मामलों में बैंक संवेदनशीलता से निपटें

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 24, 2023 18:06 IST2023-07-24T18:02:04+5:302023-07-24T18:06:49+5:30

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकारी और निजी, सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि ऋण वसूली की प्रक्रिया में कठोर कदम नहीं उठाये जाने चाहिए और इस तरह के मामलों में संवेदनशीलता से निपटना चाहिए।

Finance Minister Sitharaman Says Banks have been instructed to deal sensitively in loan recovery cases | केंद्र का सरकारी और निजी को निर्देश- ऋण वसूली के मामलों में बैंक संवेदनशीलता से निपटें

केंद्र का सरकारी और निजी को निर्देश- ऋण वसूली के मामलों में बैंक संवेदनशीलता से निपटें

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकारी और निजी, सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि ऋण वसूली की प्रक्रिया में कठोर कदम नहीं उठाये जाने चाहिए और इस तरह के मामलों में संवेदनशीलता से निपटना चाहिए। वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल में छोटे कर्जदारों द्वारा लिये गये ऋण के पुन: भुगतान/वसूली से संबंधित एक प्रश्न पर हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही। 

उन्होंने कहा, "मैंने इस तरह की शिकायतें सुनी हैं कि कुछ बैंक किस तरह कड़ाई से ऋण वसूली के लिए कार्रवाई करते हैं। सरकार ने सरकारी और निजी, सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि जब कर्ज की वसूली की प्रक्रिया की बात होती है तो कठोर कदम नहीं उठाये जाने चाहिए और बैंकों को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता रखते हुए मानवीयता के साथ प्रयास करने चाहिए।"

मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले महीने कहा था कि यदि बैंकों को बकाया ऋण राशि वसूल करनी है, तो उसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वसूल किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा था, "यदि बैंकों द्वारा नियुक्त किया गया हो तो निजी एजेंटों द्वारा वसूली की जबरदस्ती पद्धति की अनुमति नहीं है। बैंक निश्चित रूप से ऋण राशि की वसूली के लिए बाहुबल का उपयोग नहीं कर सकते।"

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2008 के एक परिपत्र में बैंकों को चेतावनी दी थी कि यदि उसे एजेंटों के बारे में शिकायतें मिलती हैं तो वह वसूली एजेंटों को शामिल करने पर बैंक पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है। इसके अलावा बैंकों को समय-समय पर अपने वसूली तंत्र की समीक्षा करने और दिशानिर्देशों में सुधार के लिए अपनी प्रतिक्रिया/सुझाव देने के लिए कहा गया था।

तब से केंद्रीय बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा नियुक्त वसूली एजेंटों द्वारा उत्पीड़न को रोकने के उद्देश्य से नियमित रूप से परिपत्र जारी किए हैं। आरबीआई ने इस साल मार्च में ऋण वसूली एजेंटों पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आरबीएल बैंक लिमिटेड पर 2.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा था कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान मुंबई स्थित ऋणदाता के रिकवरी एजेंटों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद आरबीआई ने नियामक अनुपालन में कमियां देखीं। केंद्रीय बैंक ने अपने विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन के लिए कई सहकारी बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है।

(भाषा इनपुट के साथ)

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