देश में थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं और चावल की कीमतों में इस साल 16 अगस्त तक एक महीने पहले की समान अवधि की तुलना में गिरावट का रुख दिखा है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि इस गिरावट का कारण बाजार में किया गया हस्तक्षेप है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चावल की खुदरा कीमत 16 अगस्त को 1.78 प्रतिशत घटकर 35.28 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक महीने पहले 35.92 रुपये प्रति किलोग्राम थी। चावल का थोक मूल्य भी 2.17 प्रतिशत गिरकर 3,030.6 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पहले 3,097.88 रुपये प्रति क्विंटल था। गेहूं के मामले में, खुदरा कीमतें 16 अगस्त को 2.18 प्रतिशत घटकर 26.52 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जो एक महीने पहले की अवधि में 27.11 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। गेहूं का थोक भाव 2.82 प्रतिशत गिरकर 2,258.05 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पहले 2,323.52 रुपये प्रति क्विंटल था। मंत्रालय ने कहा कि वह ‘‘सक्रिय रूप से उन नीतियों का अनुसरण कर रहा है जो मुद्रास्फीति को कम रखने में मदद करती हैं, जो वर्ष 2021-22 की खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) नीति में परिलक्षित होता है।’’ ओएमएसएस के तहत, सरकार थोक उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं आरक्षित मूल्य पर बेचती है। बयान में कहा गया है कि इस साल जुलाई तक ओएमएसएस के तहत करीब 9.84 लाख टन गेहूं और 4.13 लाख टन चावल बेचा जा चुका है।
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