कर्मचारी पेंशन योजना: उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाएं बड़ी पीठ को भेजी

By भाषा | Updated: August 24, 2021 22:34 IST2021-08-24T22:34:45+5:302021-08-24T22:34:45+5:30

Employees Pension Scheme: Supreme Court sends petitions against the High Court order to a larger bench | कर्मचारी पेंशन योजना: उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाएं बड़ी पीठ को भेजी

कर्मचारी पेंशन योजना: उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाएं बड़ी पीठ को भेजी

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिये उसे तीन न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया। केरल उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में संशोधन को मनमाना करार दिया था। इस संशोधन के तहत अन्य बातों के अलावा पेंशन योग्य वेतन की सीमा 15,000 रुपये मासिक कर दी गई थी। न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायाधीश अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि उसके समक्ष रखी गयी बातें 2016 में शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिये गये फैसले के तहत निर्धारित सिद्धांत के लागू होने से संबद्ध है और मामले की ‘तह’ तक जाता है। ऐसे में तार्किक तरीका यह होगा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की अर्जी सहित इन याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के पास भेजा जाए। शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इन मामलों को मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन के समक्ष आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के लिए रखे ताकि याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के समक्ष रखा जा सके। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘दो न्यायाधीशों की पीठ में बैठकर उक्त दलीलों पर विचार करना हमारे लिए उचित नहीं होगा। तार्किक तरीका यह होगा कि इन सभी मामलों को कम से कम तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाए ताकि उचित निर्णय पर पहुंचा जा सके।’’ पीठ ने कहा, ‘‘विचार के लिये मूल प्रश्न यह है कि क्या कर्मचारी पेंशन योजना के पैराग्राफ 11 (3) के तहत ‘कट ऑफ डेट’ होनी चाहिये और क्या आर सी गुप्ता मामले में निर्णय (2016 का फैसला) एक मानक आधार होगा, जिसके तहत सभी मामलों का निपटान किया जाए।’’ केरल उच्च न्यायालय ने 2018 में विभिन्न याचिकाओं पर विचार करते हुए फैसला सुनाया था। याचिकाओं में कुछ याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि ईपीएस में 2014 में जो संशोधन किये गये, उससे अधिकतम पेंशन योग्य वेतन सीमा 15,000 रुपये मासिक कर दी गयी जो कि इस योजना की मूल भावना के खिलाफ है। शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2019 में शुरू में ईपीएफओ की उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी। बाद में, इस साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज करने के आदेश को वापस ले लिया था।

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Web Title: Employees Pension Scheme: Supreme Court sends petitions against the High Court order to a larger bench

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