एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन का विनिवेश इसी वित्त वर्ष में पूरा करने का प्रयास : पांडेय

By भाषा | Updated: July 28, 2021 19:19 IST2021-07-28T19:19:20+5:302021-07-28T19:19:20+5:30

Efforts are being made to complete the disinvestment of Air India, BPCL, Shipping Corporation in this financial year: Pandey | एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन का विनिवेश इसी वित्त वर्ष में पूरा करने का प्रयास : पांडेय

एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन का विनिवेश इसी वित्त वर्ष में पूरा करने का प्रयास : पांडेय

नयी दिल्ली, 28 जुलाई सरकार एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) तथा बीईएमएल सहित बजट में घोषित केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के निजीकरण को इसी वित्त वर्ष में पूरा करने का प्रयास कर रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कान्त पांडेय ने बुधवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि दीपम को इन कंपनियों की रणनीतिक बिक्री के लिए पहले ही कई रुचि पत्र (ईओआई) मिल चुके हैं। दीपम सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री का प्रबंधन करता है।

उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि एयर इंडिया को लेकर हम उत्सुक हैं...समस्याओं के बावजूद। कोविड-19 की वजह से इसमें कुछ विलंब हो सकता है, लेकिन व्यापक रूप से विनिवेश की पहल पटरी पर है। इस वित्त वर्ष में हम कुछ महत्वपूर्ण सौदे पूरा करने का उम्मीद कर रहे हैं। पहली बार वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में उपक्रमों का नाम लिया है। हम उन कंपनियों का निजीकरण पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

पांडेय ने कहा, ‘‘शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, नीलाचल इस्पात निगम, बीपीसीएल तथा एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया चल रही है। हम इसे चालू वित्त वर्ष में ही पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि दीपम सीपीएसई की जमीनों तथा अन्य अधिशेष संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए विशेष इकाई (एसपीवी) स्थापित करने पर काम कर रहा है। ‘‘वित्त मंत्री ने गैर-प्रमुख संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए एसपीवी बनाने की घोषणा की थी।

पांडेय ने कहा, ‘‘हम इसपर काम कर रहे हैं। हम इसे घोषणा को कार्रवाई में बदलना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि बंद की जाने वाली सीपीएसई की भू-संपत्तियों तथा रणनीतिक विनिवेश के तहत कंपनियों की अन्य गैर-प्रमुख संपत्तियों का पहले पूल बनाया जाएगा और फिर उनका मौद्रिकरण किया जाएगा।

बंद की जाने वाली सीपीएसई मसलन स्कूटर्स इंडिया लि., भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लि. तथा एचएमटी की जमीनें इस पूल का हिस्सा हो सकती हैं।

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