Economic Survey Budget 2024 Live: चीन से एफडीआई बढ़ने से भारत को निर्यात में फायदा, संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में उल्लेख

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 22, 2024 14:43 IST2024-07-22T14:36:43+5:302024-07-22T14:43:59+5:30

Economic Survey Budget 2024 Live: ‘चीन प्लस वन’ दृष्टिकोण से लाभ प्राप्त करने के लिए एफडीआई को एक रणनीति के रूप में चुनना, व्यापार पर निर्भर रहने की तुलना में अधिक लाभप्रद प्रतीत होता है।

Economic Survey Budget 2024 Live India benefits from exports due increase in FDI from China mentioned presented in Parliament | Economic Survey Budget 2024 Live: चीन से एफडीआई बढ़ने से भारत को निर्यात में फायदा, संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में उल्लेख

सांकेतिक फोटो

Highlightsव्यापार लागत को कम करना और विदेशी निवेश को सुगम बनाना।चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।पूर्व में पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने किया था।

Economic Survey Budget 2024 Live: चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह बढ़ने से भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में अपनी भागीदारी को बढ़ाना चाहता है। इसलिए उसे पूर्वी एशिया की अर्थव्यवस्थाओं की सफलताओं तथा रणनीतियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इन अर्थव्यवस्थाओं ने आमतौर पर दो मुख्य रणनीतियों का अनुसरण किया है...व्यापार लागत को कम करना और विदेशी निवेश को सुगम बनाना।

इसमें कहा गया कि भारत के पास ‘चीन प्लस वन’ रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो विकल्प हैं.. या तो वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में कहा गया है, ‘‘ इन विकल्पों में से चीन से एफडीआई पर ध्यान केंद्रित करना अमेरिका को भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए अधिक आशाजनक प्रतीत होता है, जैसा कि पूर्व में पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने किया था।’’

इसके अलावा, ‘चीन प्लस वन’ दृष्टिकोण से लाभ प्राप्त करने के लिए एफडीआई को एक रणनीति के रूप में चुनना, व्यापार पर निर्भर रहने की तुलना में अधिक लाभप्रद प्रतीत होता है। समीक्षा कहती है, ‘‘ ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन भारत का शीर्ष आयात भागीदार है और चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है। चूंकि अमेरिका तथा यूरोप अपनी तत्काल आपूर्ति चीन से हटा रहे हैं।

इसलिए चीनी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करना और फिर इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करना अधिक प्रभावी है, बजाय इसके कि वे चीन से आयात करें, न्यूनतम मूल्य जोड़ें और फिर उन्हें पुनः निर्यात करें।’’ इसमें बताया गया कि चीन से एफडीआई प्रवाह में वृद्धि से निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

किसी भी क्षेत्र में वर्तमान में चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। भारत में अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी प्रवाह में चीन केवल 0.37 प्रतिशत (2.5 अरब अमेरिकी डॉलर) हिस्सेदारी के साथ 22वें स्थान पर था।

भारत की वृद्धि गाथा में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं पूंजी बाजार : आर्थिक समीक्षा

पूंजी बाजारों की देश की वृद्धि की गाथा में अब प्रमुख भूमिका बनती जा रही है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। समीक्षा में कहा गया कि नवोन्मेषण और डिजिटलीकरण के दम पर पूंजी निर्माण और निवेश परिदृश्य में बढ़ती हिस्सेदारी के साथ पूंजी बाजार देश की वृद्धि गाथा में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं। आर्थिक समीक्षा कहती है कि बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम, बढ़ती ब्याज दरों और जिंस कीमतों में अस्थिरता के बावजूद भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में अन्य उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा।

चालू वित्त वर्ष में भी यही रुख जारी है और तीन जुलाई को सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान पहली बार 80,000 अंक के स्तर को छू गया। समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक और उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों के अनुकरणीय प्रदर्शन की मुख्य वजह भारत की वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने की क्षमता, ठोस तथा स्थिर घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा एक मजबूत घरेलू निवेशक आधार है।

गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र से ऊंचा वित्तपोषण जरूरी : समीक्षा

भारत में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के वित्तपोषण का उच्चस्तर और नए स्रोतों से संसाधन जुटाना महत्वपूर्ण होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में कहा गया कि इसे सुगम बनाने के लिए न केवल केंद्र सरकार से नीतिगत तथा संस्थागत समर्थन की जरूरत होगी, बल्कि राज्य और स्थानीय सरकारों को भी समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। समीक्षा में कहा गया कि विभिन्न माध्यमों तथा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए डाटा संग्रह तथा ‘रिपोर्टिंग’ तंत्र में सुधार करने की आवश्यकता है।

साथ ही विभिन्न परियोजनाओं में इसके स्वरूप को भी सूक्ष्म स्तर पर सुधारने की जरूरत है। आर्थिक समीक्षा एक वार्षिक दस्तावेज है जिसे सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। यह दस्तावेज अर्थव्यवस्था की अल्पावधि से मध्यावधि संभावनाओं का भी अवलोकन प्रस्तुत करता है। आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार की जाती है।

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