दूरसंचार विभाग ने 12,195 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के लिये दिशानिर्देश जारी किये
By भाषा | Updated: June 3, 2021 23:16 IST2021-06-03T23:16:19+5:302021-06-03T23:16:19+5:30

दूरसंचार विभाग ने 12,195 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के लिये दिशानिर्देश जारी किये
नयी दिल्ली, तीन जून दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बृहस्पतिवार को दूरसंचार क्षेत्र के लिये 12,195 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिये परिचालन दिशानिर्देश जारी किये।
डीओटी ने एक बयान में कहा कि योजना के लिये पंजीकरण प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू होगी और 30 दिन के लिये यानी तीन जुलाई तक खुली रहेगी।
यह योजना एक अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी। इसके जरिये पात्र कंपनियों को उनके निवेश और वृद्धिशील बिक्री पर चालू वित्त वर्ष से 2025-26 तक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
दूरसंचार विभाग के अनुसार, ‘‘...संबंधित पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, योजना के लिए परिचालन दिशानिर्देश 3 जून, 2021 को जारी किए गए हैं।’’
‘‘इस योजना में वैश्विक स्तर पर उन कंपनियों को चैंपियन बनाने की परिकल्पना की गई है, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके आकार और पैमाने में वृद्धि की क्षमता रखते हैं तथा आगे बढ़ते हुये वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रवेश करते हैं।’’
दूरसंचार उपकरण बनाने वाली एरिक्सन, नोकिया और एचएफसीएल जैसी कंपनियों ने भारत में अपना कामकाज बढ़ाने की रूचि जतायी है। सैमसंग, सिस्को, सिएना और फॉक्सकॉन सहित वैश्विक कंपनियों ने भी घरेलू बाजार और निर्यात को लेकर दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए देश में विनिर्माण आधार स्थापित करने में रुचि दिखाई हैं।’’
भारत में दूरसंचार उपकरण विनिर्माण योजना से पांच वर्षों की अवधि में 2.44 लाख करोड़ रुपये के उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
सरकार की पहले की गई एक घोषणा के अनुसार, दूरसंचार पीएलआई के तहत निवेश से लगभग 40,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
डीओटी के अनुसार, ‘‘यह योजना एक अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी। भारत में सफल आवेदकों द्वारा एक अप्रैल, 2021 से और वित्त वर्ष 2024-2025 तक किया गया निवेश, योग्यता वृद्धिशील वार्षिक सीमा के अधीन होगा।
योजना के तहत सहायता वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक, अर्थात पांच वर्षों की अवधि के लिए प्रदान की जाएगी।
इस योजना से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आने की उम्मीद है और करीब 17,000 करोड़ रुपये का कर राजस्व सृजित होगा।
बयान के अनुसार, ‘‘यह योजना घरेलू और वैश्विक कंपनियों सहित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) और गैर-एमएसएमई दोनों कंपनियों के लिए खुली है। साथ ही, भारतीय प्रौद्योगिकी के साथ उत्पाद तैयार करने वाले निर्माताओं को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इच्छुक पात्र आवेदक 4 जून, 2021 से योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। आवेदन 30 दिनों के लिए यानी 3 जुलाई, 2021 तक दिये जा सकेंगे।’’
योजना में एमएसएमई के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 10 करोड़ रुपये और गैर-एमएसएमई आवेदकों के लिए 100 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। भूमि और भवन की लागत को निवेश के रूप में नहीं लिया जाएगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सीआईडीबीआई) को पीएलआई योजना के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) के रूप में नियुक्त किया गया है।
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