विदेशों में ऊंचे भाव से घरेलू बाजार में भी तेजी

By भाषा | Updated: April 7, 2021 21:24 IST2021-04-07T21:24:56+5:302021-04-07T21:24:56+5:30

Domestic market also increases due to high price in foreign countries | विदेशों में ऊंचे भाव से घरेलू बाजार में भी तेजी

विदेशों में ऊंचे भाव से घरेलू बाजार में भी तेजी

नयी दिल्ली, सात अप्रैल विदेशों में तेजी रहने से घरेलू खाद्य तेल कीमतों में भी तेजी कायम रही। शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में क्रमश: आधा प्रतिशत और 1.25 प्रतिशत की तेजी की वजह से घरेलू तेल तिलहन कीमतों पर भी असर हुआ जिससे सोयाबीन तेल, तिल, सीपीओं और पामोलीन तेलों की कीमतों में सुधार आया।

बाजार सूत्रों के अनुसार सोयाबीन दिल्ली और इंदौर तेल में क्रमश: 50-50 रुपये की तेजी आई जबकि सोयाबीन दाना एवं लूज तथा सोयाबीन डीगम तेल के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। तिल मिल डिलीवरी तेल में 50 रुपये का सुधार आया वहीं सीपीओ, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 100 रुपये का सुधार आया।

सरिस्का मक्का खल का भाव भी 40 रुपये के सुधार के साथ 3,650 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ।

बाजार सूत्रों का कहना है कि देश के भीतर और विदेशों में सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी मांग है और मुर्गी चार के लिए इसकी भारी मांग है।

सूत्रों का कहना है कि किसान मंडियों में रोक रोक कर सरसों को ला रहे हैं जिसकी मौजूदा समय में अधिक मांग है। सबसे सस्ता होने और मिलावट से मुक्त होने की वजह से लोगों के लिए यह स्वास्थ्यप्रद भी है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक मांग में वृद्धि के बीच किसानों को उनकी ऊपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं। सरकार की ओर से समर्थन जारी रहा तो तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना कोई दूर की कौड़ी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे आयात और निर्यात दोनों ही माध्यमों से करीब दो लाख करोड़ रुपये के विदेशीमुद्रा की बचत और कमाई होगी। सरसों, सूरजमुखी अैर मूंगफली के डीओसी की वैश्विक मांग को देखते हुए इनके निर्यात से देश को भारी मात्रा में विदेशीमुद्रा का लाभ होगा और काफी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सूत्रों ने कहा कि कुछ लोग जान बूझकर वायदा कारोबार में भाव में घट बढ़ पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाते हैं और आत्मनिर्भरता की राह में बाधक हैं। ऐसे कुछ तत्वों के अर्जेन्टीना और मलेशिया में खाद्य तेलों के प्रसंस्करण संयंत्र हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्व कृत्रिम दबाव बना कर खातेलों पर आयात शुल्क में कमी कराना चाहते है।

औद्योगिक सूत्रों ने कहा कि सरकार ने अभी एक माह पहले पाम आयल पर आयात शुल्क बढया था। ऐसे में इतने जल्दी शुल्क कम करने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि तिलहन किसानों की आय बढ़ने से अर्थव्यवस्था में गति आ सकती है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,230 - 6,270 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,485 - 6,530 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,900 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,530- 2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,030 -2,110 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,210 - 2,240 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,800 - 17,800 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,350 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,150 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,070 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,780 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,550 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,600 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 6,450 - 6,500 रुपये: सोयाबीन लूज 6,350- 6,450 रुपये

मक्का खल 3,650 रुपये।

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Web Title: Domestic market also increases due to high price in foreign countries

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