इंदौरः देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने शहरी प्रशासन में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी है। 29 जून से नगर निगम वार्ड 82 (ज़ोन 14) में ‘डिजिटल पता’ योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है, जिसके तहत हर घर को यूनिक क्यूआर कोड आधारित डिजिटल एड्रेस मिलेगा। यह व्यवस्था भारत सरकार के डीजी पिन प्लेटफॉर्म से जुड़ी है। इंदौर मप्र का पहला शहर बन गया है जो इस अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने जा रहा है। इंदौर नगर निगम ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत शहर के प्रत्येक घर को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान देने की पहल की है।
इस योजना के तहत हर घर के बाहर एक प्लेट पर यूनिक क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसमें उस संपत्ति की जियो लोकेशन, दिशा-निर्देश और वास्तविक तस्वीर जैसी जानकारी एम्बेड होगी। क्यूआर कोड स्कैन करते ही नागरिकों को मोबाइल पर संपत्ति कर, बिजली-पानी बिल भुगतान, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, शिकायत दर्ज करने जैसी 20 से अधिक सेवाएँ एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
इंदौर पहला नगर निगम है, जिसने डिजिटल पता सिस्टम को भारत सरकार के डीजी पिन प्लेटफॉर्म से जोड़ा है। डीजी पिन को इंडिया पोस्ट, आईआईटी हैदराबाद, एनआरएससी और इसरो के सहयोग से विकसित किया गया है। यह सिस्टम जीपीएस से अधिक सटीक लोकेशन उपलब्ध कराता है, जिससे आपातकालीन सेवाओं – एम्बुलेंस, पुलिस, फायर ब्रिगेड – को तुरंत सही पते पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
आम नागरिकों को केवल सीमित, गैर-संवेदनशील जानकारी ही दिखेगी। नाम, मोबाइल नंबर, बकाया राशि जैसी डिटेल्स सिर्फ संबंधित व्यक्ति को ही दिखेंगी। आवासीय, व्यावसायिक, प्लॉट्स आदि सभी संपत्तियों को यूनिक डिजिटल पता मिलेगा, जिससे भ्रम की संभावना नहीं रहेगी। नागरिकों को इस सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और नगर निगम पर भी कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत वार्ड 82 से की जा रही है। आने वाले महीनों में इसे पूरे शहर की 7 लाख से अधिक संपत्तियों तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। फिलहाल कुछ सेवाएं सक्रिय हैं, जिन्हें आगे और भी शहरी सेवाओं से जोड़ा जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “नया इंदौर, नया पता – डिजिटल पता! अब न नगर निगम के चक्कर, न लंबी कतारें – हर सरकारी सेवा अब बस एक स्कैन पर!”
उन्होंने बताया कि यह स्मार्ट पहल न केवल शहर को डिजिटल बना रही है, बल्कि शासन को भी अधिक पारदर्शी, तेज़ और सुलभ बना रही है। यह नवाचार अन्य शहरों के लिए भी एक मॉडल बनेगा। इंदौर की यह पहल शहरी प्रशासन, नागरिक सेवाओं और आपातकालीन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। डिजिटल पता व्यवस्था से न केवल नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि शहर की कार्यप्रणाली भी अधिक स्मार्ट, पारदर्शी और प्रभावी होगी।