Interim Budget 2024: जानिए अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में अंतर, निर्मला सीतारमण ने मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम जैसे नेताओं को पीछे छोड़ा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 1, 2024 11:12 AM2024-02-01T11:12:30+5:302024-02-01T11:14:01+5:30

Interim Budget 2024: नई सरकार जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी। आम तौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं।

difference between interim budget and full budget Nirmala Sitharaman in Lok Sabha | Interim Budget 2024: जानिए अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में अंतर, निर्मला सीतारमण ने मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम जैसे नेताओं को पीछे छोड़ा

निर्मला सीतारमण लोकसभा में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं

Highlightsवित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में अंतरिम बजट पेश कर रही हैंनिर्मला सीतारमण लगातार छठा बजट पेश कर रही हैंअंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है

Interim Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं। निर्मला सीतारमण  लगातार छठा बजट पेश कर रही हैं। लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रिकॉर्ड की बराबरी की है। लेकिन इस बीच सबके मन में एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर ये पूर्ण बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर होता है। इसका सवाल का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।

अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में अंतर

दरअसल अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है। चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद पूर्ण बजट पेश होता है। आम तौर पर 1 फरवरी को जो  पूर्ण बजट पेश होता है उसे लोकसभा में पूरी चर्चा के बाद पेश किया जाता है लेकिन अंतरिम बजट बिना किसी चर्चा के ही पेश किया जाता है। इसे 'वोट ऑन अकाउंट' भी कहा जाता है। पूर्ण बजट, वित्तिय वर्ष के लिए होता है इसमें नई योजनाओं की घोषणा की जाती है। नई योजनाओं के लिए राशि भी आवंटित की जाती है। लेकिन अंतरिम बजट के साथ ऐसा नहीं है। अंतरिम बजट में सरकार की पहले से चल रही योजनाओं के लिए जरूरी राशि आवंटित की जाती है। पूर्ण बजट में सरकार का विजन होता है कि अगले पूरे साल देश में किम मदों में कितना खर्चा किया जाना है। जबकि अंतरिम बजट अगली सरकार के गठन से पहले सरकार के जरूरी खर्चों के लिए पेश किया जाता है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है ताकि अगर चुनाव के बाद कोई नई सरकार सत्ता में आती है तो वह अपने विजन के अनुसार बजट पेश कर सके। 

नई सरकार जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी। आम तौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं।  वर्ष 2017 में सरकार ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस की जगह एक तारीख को बजट पेश करने का निर्णय किया। इसके साथ ही 28 फरवरी को बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा खत्म कर दी गयी। 

निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर बनाया रिकॉर्ड

निर्मला सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं और एक बार अंतरिम बजट। सीतारमण ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। यह सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित मदों में खर्च करने का अधिकार देगा। चूंकि आम चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना नहीं है। 

Web Title: difference between interim budget and full budget Nirmala Sitharaman in Lok Sabha

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