दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0ः इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदो और 36000 रुपये छूट पाओ, महिलाओं को तोहफा देंगी सीएम रेखा गुप्ता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 11, 2025 16:55 IST2025-04-11T16:54:00+5:302025-04-11T16:55:34+5:30

Delhi Government Electric Vehicle Policy 2.0: दिल्ली में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रति किलोवाट-घंटे पर 10,000 रुपये की खरीद प्रोत्साहन दे सकती है, जो प्रति वाहन 30,000 रुपये तक हो सकती है।

Delhi Government Electric Vehicle Policy 2-0 Buy electric two-wheeler get discount of Rs 36000 CM Rekha Gupta will give gift to women | दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0ः इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदो और 36000 रुपये छूट पाओ, महिलाओं को तोहफा देंगी सीएम रेखा गुप्ता

file photo

Highlightsप्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है और इसे जल्द ही मंजूरी मिल सकती है।सीएनजी चालित ऑटोरिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश भी की गई है।सभी परमिटों को केवल ई-ऑटो परमिट से प्रतिस्थापित या पुनः जारी किया जाएगा।

Delhi Government Electric Vehicle Policy 2.0:दिल्ली सरकार अपनी प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0 के तहत महिलाओं को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने पर 36,000 रुपये तक की रियायत दे सकती है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मसौदा नीति के अनुसार यह लाभ उन पहली 10,000 महिलाओं को मिल सकता है जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस हैं। इस मसौदा नीति की प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के पास है। प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है और इसे जल्द ही मंजूरी मिल सकती है।

मसौदा नीति में एक बड़ी सिफारिश यह भी की गई है कि 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में महिला भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, दिल्ली में महिलाओं को प्रति किलोवाट-घंटे (केडब्ल्यूएच) 12,000 रुपये की खरीद प्रोत्साहन राशि मिलेगीजो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 36,000 रुपये तक होगी।

केंद्र की ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना के पूरक के रूप में तैयार की गई ईवी नीति 2.0 का उद्देश्य दिल्ली भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाना है। यह योजना 31 मार्च 2030 तक वैध है। इसमें न केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, बल्कि तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों को भी लक्षित करते हुए प्रोत्साहनों की एक श्रृंखलापेश की गई है।

दिल्ली में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रति किलोवाट-घंटे पर 10,000 रुपये की खरीद प्रोत्साहन दे सकती है, जो प्रति वाहन 30,000 रुपये तक हो सकती है। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0 का मसौदा, जिसकी घोषणा दिल्ली सरकार द्वारा जल्द ही की जाएगी उसमें सीएनजी चालित ऑटोरिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश भी की गई है।

ईवी नीति 2.0 के मसौदे के अनुसार, इस वर्ष 15 अगस्त से किसी भी सीएनजी ऑटोरिक्शा के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस वर्ष 15 अगस्त से सीएनजी ऑटो परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा तथा ऐसे सभी परमिटों को केवल ई-ऑटो परमिट से प्रतिस्थापित या पुनः जारी किया जाएगा।

मसौदा नीति में एक बड़ी सिफारिश में यह भी कहा गया है कि 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी प्रकार, समिति ने सिफारिश की है कि 15 अगस्त, 2025 से माल वाहक वाहनों के मामले में डीजल, पेट्रोल, सीएनजी तिपहिया वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

दिल्ली सरकार ने अपनी वर्तमान इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की अवधि 31 मार्च को समाप्त होने के बाद इसे 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। दिल्ली मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस नीति को अधिसूचित किया जाएगा। इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को तेजी से से हटाकर दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार करना है।

दिल्ली सरकार नयी पारदर्शी आबकारी नीति लाएगी: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाते हुए एक नयी ‘पुख्ता’ आबकारी नीति लाएगी। गुप्ता ने ‘पीटीआई’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि नीति पारदर्शी होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इस नीति से समाज में कोई समस्या पैदा न हो।

इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को हराकर भाजपा दिल्ली की सत्ता में आई थी। पिछली आप सरकार द्वारा लाई गई आबकारी नीति (2021-22) में कथित अनियमितताएं और भ्रष्टाचार भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था। आरोप सामने आने के बाद आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था।

गुप्ता ने कहा, ‘‘हम एक नई, पुख्ता नीति लाएंगे, जो पारदर्शी होगी और सरकार के लिए राजस्व अर्जित करेगी।’’ उन्होंने कहा कि नीति ऐसी होगी कि इससे लोगों और समाज को कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में आबकारी नीतियां ठीक चल रही हैं। हम अलग-अलग राज्यों की इन बेहतरीन आबकारी नीतियों का पालन करेंगे।’’

आप ने नवंबर 2021 में पुरानी आबकारी नीति को बदलकर नयी नीति (2021-22) लागू की, जिसका उद्देश्य दिल्ली में शराब कारोबार में सुधार लाना था। हालांकि, यह नीति अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों का शिकार हो गई। जुलाई 2022 में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके तुरंत बाद आप सरकार ने इसे रद्द कर दिया। उस नीति के तहत, निजी कंपनियों को शराब की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति दी गई थी।

शराब की दुकानें निजी कंपनियों को सौंप दी गईं और सरकार ने यह कारोबार छोड़ दिया। आखिरकार, 31 अगस्त, 2022 को नीति रद्द कर दी गयी और निजी शराब की दुकानें बंद हो गईं। पुरानी नीति के तहत शराब की थोक और खुदरा बिक्री दिल्ली सरकार द्वारा की जाती थी और नयी नीति रद्द किये जाने के बाद पुरानी नीति को ही फिर से लागू किया गया और यह जारी है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री ने बुधवार को आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें नई नीति के निर्माण पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार एक ‘पारदर्शी और प्रभावी’ आबकारी नीति के लिए प्रतिबद्ध है।

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