रियादः सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि ओपेक (तेल निर्यातक देशों का संगठन) और उसके सहयोगी देशों के तेल उत्पादन में कटौती के संकल्प के साथ जी-20 के अन्य देशों में कमी तथा रणनीतिक भंडारों के लिये होने वाली खरीद से प्रतिदिन 1.95 करोड़ बैरल कच्चा तेल बाजार से हट सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि तेल उत्पादक देश उत्पादन में दो करोड़ बैरल प्रतिदिन तक कटौती करने पर विचार कर रहे हैं, यह मात्रा इससे पहले सार्वजनिक रूप से घोषित 97 लाख बैरल प्रतिदिन के आंकड़े के मुकाबले दोगुनी है।
ट्रंप ने संवाददाता सममेलन में कहा, ‘‘लोग एक करोड़ बैरल प्रतिदिन कटौती की बात कर रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि यह आकड़ा करीब 2 करोड़ बैरल प्रतिदिन हो सकता है।’’ हालांकि, उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया लेकिन सऊदी अरब ने इस संदर्भ में पूरा विवरण दिया है।
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक और रूस के नेतृत्व वाले गैर-ओपेक तेल उत्पादक देशों ने रविवार को अगले दो महीनों में उत्पादन में 97 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने के लिए एक समझौता किया था। इस पहल का मकसद कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) तथा सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध के कारण कच्चे तेल के भाव में आयी गिरावट का रोकना था।
सऊदी मीडिया ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री युवराज अब्दुल अजीज बिन सलमान के हवाले से कहा कि आपेक एवं उसके सहयोगी देशों के अलावा जी-20 उत्पादक देशों ने 37 लाख टन कटौती का संकल्प जताया है। इसके अलावा विभिन्न देश मई और जून में रणनीतिक तेल भंडार के लिये तेल खरीदेंगे।
इससे कुल प्रभाव 1.95 करोड़ बैरल प्रतिदिन तक हो सकता है। युवराज अब्दुल अजीज ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो सऊदी अरब उत्पादन में अपने कोटा 85 लाख बैरल प्रतिदिन से कम कटौती करेगा। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में मंगलवार को वैश्विक बाजारों में तेल के भाव में गिरावट आ गई। कारोबारियों ने इस खबर को तवज्जो नहीं दी कि कच्चे तेल के उत्पादक सप्ताहांत उत्पादन में कटौती पर सहमत हुए हैं। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से कच्चे तेल के वायदा भाव में तेजी आयी थी।
उन्होंने सोमवार को संकेत दिया कि तेल उत्पादक देश उत्पादन में दो करोड़ बैरल प्रतिदिन तक कटौती करने पर विचार कर रहे हैं। यह मात्रा इससे पहले सार्वजनिक रूप से घोषित आंकड़े के मुकाबले दोगुनी है। इस बयान के बाद कच्चे तेल की कीमतों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली। हालांकि, भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे (11.00 जीएमटी) जून महीने में डिलिवरी के लिये यूरोपीय मानक लंदन ब्रेंट नार्थ सी तेल का भाव 0.4 प्रतिशत गिरकर 31.61 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
इसी प्रकार, अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड का भाव मई डिलिवरी के लिये 1.7 प्रतिशत घटकर 22.04 डॉलर प्रति बैरल रहा। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक और रूस के नेतृत्व वाले सहयोगी तेल उत्पादक देशों ने रविवार को मई से उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती के लिए एक समझौता किया था।
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर में जारी लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी कमी आई है और ऐसे में कीमतें तेजी से गिरी हैं। इसके अलावा सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध ने इस संकट को बढ़ा दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्पादन में कटौती से कीमतों पर दबाव कम तो होगा, लेकिन यह मांग की स्थिति पर निर्भर करेगा।