SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, 'एक साथ 3 जगह से ले रही थीं सैलरी'
By आकाश चौरसिया | Updated: September 2, 2024 13:00 IST2024-09-02T12:01:22+5:302024-09-02T13:00:57+5:30
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए बताया कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच 2017 से 2014 के बीच आईसीआईसीआई बैंक से 16 करोड़ 80 लाख रुपये की नियमित आय ले रही थीं। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य भी हैं, फिर ICICI से वेतन क्यों ले रहे थी?

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: कांग्रेस की ओर से मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमेन पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर बड़ा आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सेबी प्रमुख पर आरोप जड़ते हुए कहा कि वो एक साथ आईसीआईसीआई (ICICI) से भी तनख्वा भी ले रही थीं और इस दौरान वो सेबी में भी अध्यक्ष पद पर भी तैनात थीं। ये भी खुलासा किया कि करीब ICICI बैंक से नियमित 16 करोड़ 80 लाख रुपए नियमित आय ले रही थीं।
सेबी का काम है कि शेयर मार्केट का नियंत्रण करें, जहां लाखों और करोड़ों रुपए का निवेश होता है। उनका यह रोल बहुत अहम है। इसके साथ उन्होंने पूछा कि सेबी चेयरपर्सन को किसने नियुक्त किया? उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमेटी में शामिल प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी रहे। सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए इस समिति में दो सदस्य हैं।
वह (सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच) 2017 से 2014 के बीच आईसीआईसीआई बैंक से 16 करोड़ 80 लाख रुपये की नियमित आय ले रही थीं। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य भी हैं, फिर ICICI से वेतन क्यों ले रहे थी?
पवन खेड़ा ने कहा, माधबी पुरी बुच सेबी की फुल टाइम मेंबर थी और उसके बाद वो चेयरपर्सन बनी। सेबी की चेयरपर्सन को पीएम और गृह मंत्री अपॉइंट करते हैं। उन्होंने कहा, अब तक हिंडेनबर्ग रिपोर्ट की और सेबी प्रमुख की भूमिका पर कई बार चर्चा की है, अडानी की कहानी पर चर्चा की गई है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, इस देश में शतरंज का खेल चर रहा है, लेकिन खिलाड़ी कौन है, इस पर हम निर्णायक तौर पर पहुंचे नहीं है। अलग-अलग मोहरे हैं, उनमें से एक मोहरे के विषय पर बात करने हम आए हैं, जिनका नाम माधबी पुरी बुच है। उन्होंने कहा कि इसमें सेबी, आईसीआईसीआई बैंक और ICICI प्रुडेंशियल शामिल हैं।
पीएम मोदी से कांग्रेस ने पूछे ये सवाल
-जब SEBI के हेड चुनते हैं, तो इसका क्राइटेरिया क्या होता है?
-क्या नियुक्ति के वक्त ACC के सामने ये तथ्य आए थे या नहीं। और नहीं आए थे तो कैसी सरकार चला रहे हैं?
-क्या प्रधानमंत्री को यह जानकारी थी कि सेबी की चेयरपर्सन एक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट पर बैठी हैं और सेबी की मेंबर के साथ ICICI से तनख्वाह ले रही हैं?
-क्या पीएम को मालूम है कि सेबी की चेयरपर्सन ICICI के कई मामलों पर फैसले ले रही हैं?
-सेबी की चेयरपर्सन के बारे में इतने तथ्य हैं फिर भी उनको कौन बचा रहा है?