केंद्र द्वारा ‘विशेष’ इस्पात उत्पादन योजना को मिली ठंडी प्रतिक्रिया, अब तक महज 10 आवेदन मिले
By भाषा | Published: May 22, 2022 03:43 PM2022-05-22T15:43:34+5:302022-05-22T15:48:26+5:30
केंद्र सरकार द्वारा खास तरह के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले विशेष प्रकार इस्पात (स्पेशियलिटी स्टील) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत केवल 10 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा खास तरह के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले विशेष प्रकार इस्पात (स्पेशियलिटी स्टील) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अब तक सिर्फ 10 आवेदन ही मिले हैं। यह स्थिति आवेदन की अंतिम तारीख दो बार बढ़ाए जाने के बावजूद है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मामले में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्पेशियलिटी इस्पात क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के तहत किए गए आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए इसकी अंतिम तारीख एक बार और बढ़ाई जा सकती है।
विशेष इस्पात से जुड़ी पीएलआई योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख पहले 29 मार्च रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 30 अप्रैल और फिर 31 मई, 2022 किया गया था।
इसके बावजूद अब तक सिर्फ 10 आवेदन ही मिल पाए हैं। वहीं इसके लिए पंजीकरण कराने वाली कंपनियों की संख्या 58 रही है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को बाजार से अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने के बावजूद आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाने के पीछे के तर्क के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय अभी पीएलआई योजना का संशोधित खाका लेकर आने वाला है।
कुछ इस्पात कंपनियों ने पीएलआई योजना के प्रावधानों को लेकर आशंकाएं जताई थीं जिसके बाद इसमें बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई। स्पेशियलिटी स्टील के लिए संशोधित पीएलआई योजना लाई जा सकती है।
सरकार इसमें विशेष इस्पात के उत्पादन पर एकसमान प्रोत्साहन देने का प्रावधान कर सकती है। खासकर रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाला इस्पात बनाने वाली कंपनियों को कुछ अलग रियायत दी जा सकती है।
अधिकारी ने कहा कि द्वितीयक स्तर की कंपनियों के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा और स्थापित की जाने वाली न्यूनतम क्षमता से जुड़ी बंदिश भी हटाई जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 22 जुलाई, 2022 को देश में विशेष इस्पात का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इससे करीब 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने और 5.25 लाख रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है।