विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट जारी, CBI कोर्ट ने कर्ज ना चुकाने पर की कार्रवाई

By आकाश चौरसिया | Updated: July 2, 2024 11:14 IST2024-07-02T10:47:22+5:302024-07-02T11:14:22+5:30

बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने 180 करोड़ लोन न चुका पाने के कारण गैर-जमानती वॉरेंट जारी कर दिया है। हालांकि, यह मामला 12 साल पुराना है।

CBI issued a Non-Bailable Warrant against Vijay Mallya on the case of 180 crore loan of Government bank | विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट जारी, CBI कोर्ट ने कर्ज ना चुकाने पर की कार्रवाई

फाइल फोटो

Highlightsसीबीआई ने विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट जारी कर दियायह मामला करीब 12 साल पुराना हैबताते चले कि यह मामला सरकारी बैंक से जुड़ा हुआ है

नई दिल्ली: बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ 180 करोड़ के कर्ज ना पाने के केस में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने गैर-जमानती वॉरेंट जारी कर दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष कोर्ट ने इंडियन ओवरसीज बैंक के लोन न चुका पाने के कारण ये वॉरेंट जारी कर दिया है। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर द्वारा 29 जून को माल्या के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया गया था। इसके अलावा एक विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध कराया गया था। 

सीबीआई के द्वारा जारी वॉरंट में कहा कि अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन के प्रमोटर ने जानबूझकर कर्ज का भुगतान न करके सरकार द्वारा संचालित इंडियन ओवरसीज बैंक को 180 करोड़ रुपए का गलत नुकसान पहुंचाया।

विजय माल्या वैसे तो अभी लंदन में रह रहे हैं और उन्हें भारत की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग केस में भारत की केंद्रयी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने आर्थिक अपराध में भगोड़ा घोषित कर रखा है। इसके अलावा भारतीय सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

सीबीआई के द्वारा उनकी रिपोर्ट पेश करने के बाद ही 68 वर्षीय बिजनेसमैन के खिलाफ गैर-जमानती वॉरेंट को जारी किया है। इसके अलावा सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि उन्हें भगोड़ा घोषित किया हुआ है, हालांकि कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ एकदम फिट केस बनता है और इसलिए गैर-जमानती वॉरेंट करना ही बेहतर है। 

वॉरेंट को जारी करने वाली सीबीआई की विशेष कोर्ट ने इस मामले को 2007 और 2012 में किंगफिशन एयरलाइन के लिए लोन पर धोखाधड़ी करने से भी जुड़ा है। चार्जशीट ये भी कह रही है कि प्राइवेट कैरियर को एक समझौते के आधार पर ऋण जारी किया गया था।

आरोप पत्र में दावा किया गया है कि विजय माल्या बेईमान था और उसका इरादा धोखा देने का था, यही कारण है कि आरोपी ने कर्ज के तहत पुनर्भुगतान दायित्वों पर जानबूझकर चूक की और कर्ज पर डिफॉल्ट के कारण 141.91 करोड़ रुपए का गलत तरीके से नुकसान किया। ऋणों को शेयरों में बदलने से 38.30 करोड़ रु का अतिरिक्त नुकसान हुआ।

Web Title: CBI issued a Non-Bailable Warrant against Vijay Mallya on the case of 180 crore loan of Government bank

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