नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर आयकर विभाग ने उच्च मूल्य के वित्तीय लेन-देन की सूची का विस्तार किया है। इसमें म्यूचुअल फंड की खरीद, विदेशों में पैसा भेजने के साथ-साथ अन्य करदाताओं के आयकर रिटर्न का ब्योरा शामिल है। यह करदाताओं के लिये उनके फॉर्म 26एएस में उपलब्ध होगा।
फॉर्म 26एएस एक सालाना एकीकृत कर विवरण है जिसे करदाता अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) का उपयोग करके आयकर वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 26 अक्टूबर को आयकर कानून की धारा 285बीबी के तहत नए फॉर्म 26एएस में रिपोर्ट की गई जानकारी के दायरे का विस्तार करते हुए आदेश जारी किया।
निर्धारित अतिरिक्त जानकारी में किसी भी व्यक्ति के अधिकृत डीलर के माध्यम से विदेशों में भेजा गया पैसा, कर्मचारी की तरफ से दावा की गई कटौती के साथ वेतन का ब्योरा, अन्य करदाताओं के आईटीआर में जानकारी, आयकर रिफंड पर ब्याज, वित्तीय लेनदेन के विवरण में प्रकाशित जानकारी शामिल है।
इसके अलावा डिपॉजिटरी/रजिस्ट्रार और ‘ट्रांसफर एजेंट’ की तरफ से रिपोर्ट किए गए समाशोधन निगम के जरिये निपटान नहीं हुए (ऑफ द मार्केट) लेनदेन, आरटीए से रिपोर्ट किए गए म्यूचुअल फंड लाभांश और म्यूचुअल फंड की खरीद के बारे में जानकारी भी फॉर्म 26एएस में शामिल की जाएगी।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के निदेशक (प्रत्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि फॉर्म 26एएस में सालाना सूचना ब्योरा में अतिरिक्त जानकारी से ‘फेसलेस डिजिटल’ यानी अधिकारियों से आमना-सामना किए बिना आकलन सुगम होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि करदाताओं से अतिरिक्त कर योगदान नगण्य होगा। पर इसका संचयी प्रभाव उल्लेखनीय है। यह बदलाव सभी करदाताओं के लिये अर्जित आय के बारे सटीक जानकारी और स्व-घोषणा की व्यवस्था स्थापित करेगा।
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