व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा और उसके बाद छाई अनिश्चितता के मद्देनजर भारत -अफगानिस्तान द्विपक्षीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा। भारत द्वारा अफगानिस्तान से सूखे किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी-बूटियों और ताजा फलों का आयात किया जाता है। वहीं अफगानिस्तान को भारत से होने वाले निर्यात में चाय, कॉफी, काली मिर्च, कपास, खिलौने, जूते और कई अन्य वस्तुएं शामिल हैं। कैट के दिल्ली एनसीआर इकाई के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा ‘‘अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने से भारत और काबुल के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर बुरा असर होगा। इसके भविष्य पर फिलहाल अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।’’ जैन ने कैट से उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से कहा, ‘‘भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1.4 अरब डॉलर था, जो 2019-20 में 1.52 अरब डॉलर रहा था। वर्ष 2020-21 में अफगानिस्तान को भारत का निर्यात 82.6 करोड़ डॉलर और आयात 51 करोड़ डॉलर था। ’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण वहां से आयात होने वाले उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं। वर्तमान में आयात- निर्यात खेप फंसी हुई हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है।
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