केयर्न पंचनिर्णय का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने का प्रयास कर रहे है: सीतारमण

By भाषा | Updated: April 22, 2021 21:49 IST2021-04-22T21:49:58+5:302021-04-22T21:49:58+5:30

Cairn is trying to find the best solution to the Panchnirini: Sitharaman | केयर्न पंचनिर्णय का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने का प्रयास कर रहे है: सीतारमण

केयर्न पंचनिर्णय का सर्वश्रेष्ठ हल निकालने का प्रयास कर रहे है: सीतारमण

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोहराया है कि भारत के कराधान के सार्वभौमिक अधिकार पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले से गलत मिसाल पेश होगी। पंचनिर्णय के तहत भारत को ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और लागत को लौटाने का आदेश दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात पर गौर कर रही है कि कैसे वह इस मुद्दे का सर्वश्रेष्ठ तरीके से समाधान कर सकती है।

स्कॉटलैंड की कंपनी की पिछली तारीख से कराधान को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में चुनौती दी थी। भारत भी इस पंचनिर्णय में शामिल हुआ। हेग स्थित न्यायाधिकरण ने सरकार से कंपनी के जब्त और बेचे गए शेयरों के अलावा रोक गए कर रिफंड तथा जब्त लाभांश को लौटाने का निर्देश दिया है।

‘फाइनेंशियल टाइम्स’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘हम पिछली तारीख से कराधान पर विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन जब यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय पंचाट में गया है और भारत के कराधान लगाने पर सवाल उठाया गया हो, तो यह एक गलत मिसाल बनेगा।’’

भारत सरकार का तर्क है कि किसी सरकार द्वारा लगाया गया कर निजी पंचाट का विषय नहीं है। केयर्न ने पूर्व में कहा था कि यह फैसला बाध्यकारी है और वह विदेशों में भारतीय संपत्तियों को जब्त कर इसका प्रवर्तन कर सकती है।

सीतारमण ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रही है। ‘‘हम इसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से हल करना चाहते हैं।’’

केयर्न ने 1994 में भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश किया था। एक दशक बाद कंपनी ने राजस्थान में बड़ा तेल भंडार खोजा था। बीएसई में कंपनी 2006 में सूचीबद्ध हुई थी। पांच साल बाद सरकार ने पिछली तारीख के कर कानून के आधार पर केयर्न से पुनर्गठन के लिए 10,247 करोड़ रुपये का कर मय ब्याज और जुर्माना अदा करने को कहा था।

केयर्न ने इसे द हेग में पंचाट न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। कंपनी की उसके बाद वित्त मंत्रालय के साथ इस भुगतान के लिए बातचीत चल रही है। कंपनी के अधिकारियों की तत्कालीन राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ फरवरी में तीन आमने-सामने की बैठकें हुई थीं। बाद में पांडेय के उत्तराधिकारी तरुण बजाज के साथ भी कंपनी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक हो चुकी है।

पीटीआई-भाषा ने इससे पहले खबर दी थी कि इन बैठकों में कंपनी ने 1.7 अरब डॉलर के भुगतान में से 50 करोड़ डॉलर छोड़ने और इस राशि को सरकार द्वारा बताई गई किसी तेल और गैस या अक्षय ऊर्जा परियोजना में निवेश करने की पेशकश की है। वहीं सरकार ने कंपनी से कुल राशि का सिर्फ एक-चौथाई भुगतान करने की पेशकश की है।

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