केरल के केआईआईएफबी की विदेश उधारी पर कैग की कड़ी फटकार, संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन बताया

By भाषा | Published: January 18, 2021 10:06 PM2021-01-18T22:06:51+5:302021-01-18T22:06:51+5:30

CAG slams foreign borrowings from Kerala's KIIFB, violating constitutional provision | केरल के केआईआईएफबी की विदेश उधारी पर कैग की कड़ी फटकार, संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन बताया

केरल के केआईआईएफबी की विदेश उधारी पर कैग की कड़ी फटकार, संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन बताया

तिरुवनंतपुरम, 18 जनवरी भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने एक रिपोर्ट में केरल सरकार को उसके सार्वजनिक उपक्रम केआईआईएफबी की विदेश उधारी को लेकर कड़ी आलोचना की है। कैग ने कहा है कि केआईआईएफबी द्वारा ‘‘मसाला बॉंड’’ के जरिये जुटाई गई राशि संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप नहीं है और इसमें विधायी मंजूरी भी नहीं ली गई।

कैग की केरल राज्य के वित्तीय स्थिति पर जारी रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट को सोमवार को राज्य विधानसभा के पटल पर रखा गया। इस रिपोर्ट के साथ राज्य की एलडीएफ सरकार का एक नोट भी शामिल है जिसमें राज्य सरकार ने दावा किया है कि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने रिपोर्ट तैयार करने और उसे सुपुर्द करने में प्रक्रिया को नजरंदाज किया गया है।

उधर, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने रिपोर्ट के साथ रखे गये वित्त मंत्री टी. एम. थॉमस आईजैक के नोट पर आपत्ति जताई है और उसे अप्रत्याशित बतायया है।

केन्द्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक ट्वीट में कहा है कि कैग की यह रिपोर्ट केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के भ्रष्ट प्रशासन के मुंह पर करारा तमाचा है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड (केआईआईएफबी) को मसाला बॉंड जारी करने की अनुमति देने को लेकर रिजर्व बैंक की मंजूरी भी सवालों के घेरे में है क्योंकि इसके जरिये राज्य सरकार को अपनी विदेशी उघारी को राज्य सरकार के संस्थान के जरिये प्राप्त करने की सुविधा प्राप्त हो गई।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस तरह की प्रक्रिया को दूसरी राज्य सरकारें भी अपनायेंगी तो देश की विदेशी देनदारी काफी बढ़ जायेगी और केन्द्र सरकार को इसका पता भी नहीं चलेगा कि इस तरह देश पर विदेशी कर्ज बढ़ रहा है।

मसाला बॉंड खास तरह के रिण जुटाने के साधन हैं जिन्हें देश से बाहर वहां की स्थानीय मुद्रा के बजाय रुपये में अंकित मूल्य में जारी किया जाता है।

इससे पहले इस रिपोर्ट का एक हिस्सा मीडिया में जारी किये जाने को लेकर वित्त मंत्री आईजैक विवादों में आ गये थे। तब यह कहा गया कि केरल की विकास परियोजनाओं को रोकने के लिये राजनीतिक साजिश की जा रही है। इस विवाद के एक माह बाद यह रिपोर्ट राज्य विधान सभा के पटल पर रखी गई।

कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि केआईआईएफबी के जरिये राज्य सरकार के बजट से बाहर ढांचागत परियोजनाओं के विकास के लिये उधार जुटाया गया। यह राज्य सरकार के उधार से जुड़ी संविधान के अनुच्छेद 293 (एक) के अनुरूप नहीं है इसमें तय सीमाओं को पार किया गया है।

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Web Title: CAG slams foreign borrowings from Kerala's KIIFB, violating constitutional provision

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