धान एमएसपी 2,369 रुपये प्रति क्विंटल?, ब्याज सहायता योजना को मंजूरी, जानें लाखों किसान कैसे उठाएंगे फायदा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 28, 2025 16:36 IST2025-05-28T16:14:30+5:302025-05-28T16:36:02+5:30
किसानों के लिए 4% ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का ऋण/पूंजी सुनिश्चित करने पर विचार किया गया है।

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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है। इसी कड़ी में, खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है। कुल राशि लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। हर फसल के लिए लागत प्लस 50% को ध्यान में रखा गया है। वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दी है। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की गई थी।
#WATCH | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "A major decision has been taken for farmers. In last 10-11 years, massive increment in MSP has been done for Kharif crops. In this continuation, MSP has been approved by the cabinet for the Kharif marketing season 2025-26. The total… pic.twitter.com/q9CxNUqxRR
— ANI (@ANI) May 28, 2025
#WATCH | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "Union Cabinet approved Interest Subvention Scheme. The Kisan Credit Card was introduced when Atal Bihari Vajpayee was the Prime Minister. For farmers, that had made getting Working Capital very easy...Through Interest Subvention… pic.twitter.com/0n4TMrsswK
— ANI (@ANI) May 28, 2025
इससे किसानों के लिए कार्यशील पूंजी प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है। ब्याज सहायता योजना के माध्यम से कार्यशील पूंजी की लागत कम हो गई है। प्रभावी रूप से, किसानों के लिए 4% ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का ऋण/पूंजी सुनिश्चित करने पर विचार किया गया है।
सरकार ने 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बुधवार को तीन प्रतिशत बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
सामान्य और ‘ए’ ग्रेड किस्मों के लिए समर्थन मूल्य 2025-26 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के आगामी खरीफ सत्र के लिए क्रमशः 69 रुपये बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। दालों की बात करें तो 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़कर 8,000 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का 86 रुपये बढ़ाकर 8,768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी को बढ़ा दिया है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। रामतिल, रागी, कपास और सेसम (तिल) के लिए एमएसपी में पिछले वर्ष की तुलना में उच्चतम पूर्ण वृद्धि की सिफारिश की गई है। खरीफ फसलों के 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर करने की घोषणा की गई थी
किसानों के लिए ब्याज सहायता योजना जारी रहेगी, मंत्रिमंडल की मंजूरी
सरकार ने 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से सस्ती दर पर अल्पकालिक ऋण मिलता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमआईएसएस को मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ जारी रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केसीसी के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर किसानों को अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो। एमआईएसएस के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से सात प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि ऋण मिलता है, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान, शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होते हैं। इससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से कम हो कर चार प्रतिशत रह जाती है। केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के ऋण पर ब्याज लाभ दो लाख रुपये तक हो सकता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना की संरचना या अन्य हिस्सों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है। देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं। केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण वितरण 2014 के 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।