त्यौहार सीजन में बड़ा झटका: इंदौर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का 6 अक्टूबर से निर्णायक आंदोलन
By मुकेश मिश्रा | Updated: October 3, 2025 17:16 IST2025-10-03T17:16:18+5:302025-10-03T17:16:28+5:30
शहर के लगभग 500 ट्रांसपोर्ट ऑफिस और गोदाम बंद रहेंगे, जिससे त्यौहारों पर बाजारों में जरूरी सामानों की आपूर्ति संकट में आ सकती है—व्यापारी संगठनों की चेतावनी है कि इसका सीधा असर ग्राहकों और पूरे बाजार की रौनक पर पड़ेगा।

त्यौहार सीजन में बड़ा झटका: इंदौर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का 6 अक्टूबर से निर्णायक आंदोलन
इंदौर: इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने त्यौहारों के सीजन के ठीक बीच 6 अक्टूबर से शहर में माल बुकिंग और डिलीवरी पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है। प्रशासन के नए और सख्त नो-एंट्री नियमों के विरोध में यह निर्णायक कदम उठाया गया है। शहर के लगभग 500 ट्रांसपोर्ट ऑफिस और गोदाम बंद रहेंगे, जिससे त्यौहारों पर बाजारों में जरूरी सामानों की आपूर्ति संकट में आ सकती है—व्यापारी संगठनों की चेतावनी है कि इसका सीधा असर ग्राहकों और पूरे बाजार की रौनक पर पड़ेगा।
पार्सल ट्रांसपोर्ट और फ्लीट मालिकों के संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा, "त्यौहारी सीजन व्यापार के लिए सबसे अहम समय होता है। ट्रांसपोर्ट की बंदी से कारोबारी नुकसान के साथ साथ आम जनता को भी महंगे या न मिलने वाले सामान की मार झेलनी पड़ सकती है। प्रशासन ने ट्रकों की आवाजाही रोककर व्यापार की रीढ़ तोड़ दी है।" संघ ने दो टूक चेतावनी दी है कि जब तक नो-एंट्री नियमों में राहत नहीं मिलती, ट्रांसपोर्ट सेवाएं ठप रहेंगी।
त्यौहारी मांग के बीच नो-एंट्री का असर
प्रशासन ने सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है—अब ट्रक सिर्फ दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ही लोहा मंडी इलाके में आ सकते हैं। पहले यह समय सीमा दोपहर 12 से शाम 5 बजे और रात 9 से सुबह 9 बजे तक थी। सबसे ज्यादा परेशानी यही है कि सबसे ज्यादा मांग के सीजन में समय की यह कटौती बाजार की आपूर्ति शृंखला को चौपट कर रही है।
व्यापार और ग्राहकों दोनों पर संकट
इंदौर से हर रोज तकरीबन 1500 ट्रक माल लेकर निकलते हैं और इतने ही ट्रक बाहर से शहर में माल पहुंचाते हैं। अब बुकिंग और सप्लाई का काम रुकने से न केवल त्योहार पर बाजारों की रौनक फीकी पड़ सकती है, बल्कि जरूरी सामानों की बिक्री भी बुरी तरह प्रभावित होगी।
व्यापार संघों और बाजार प्रतिनिधियों ने एक सुर में प्रशासन से मांग की है कि तात्कालिक राहत दी जाए, वरना बाजारों में उपभोक्ता से लेकर कारोबारी तक सब परेशान होंगे। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का यह विरोध अब सिर्फ कारोबार की बात नहीं, बल्कि त्यौहार की खुशियों और बाजार की धड़कन से भी जुड़ गया है—प्रशासन के लिए यह समय चुनौती और परीक्षा दोनों है।