कौन है आध्या पॉल?, क्रांतिकारी कदम उठाकर सबको चौंकाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 1, 2025 22:22 IST2025-08-01T22:22:14+5:302025-08-01T22:22:53+5:30
तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह युवाओं में सतत ऊर्जा, विशेष रूप से हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन स्रोतों के बारे में जागरूकता फैलाने का भी एक सशक्त माध्यम है।

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जब देश के युवा अपनी उम्र के मुताबिक खेल और मनोरंजन में व्यस्त रहते हैं, तब मुंबई की एक कक्षा-8 की किशोरी आध्या पॉल ने विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाकर सबको चौंका दिया है। मात्र कुछ ही वर्षों की आयु में उन्होंने हाइड्रोजन-सौर ऊर्जा से चलने वाली एक टॉय कार तैयार की है, जो अब “शैक्षिक किट” के रूप में देशभर में लॉन्च होने जा रही है। इसके लिए आज आध्या पॉल और अग्रणी मार्केटिंग और वितरण फर्म ट्रेडटोक्री के बीच एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह सहयोग न केवल एक नवाचार की कहानी है, बल्कि यह उस सोच का प्रमाण है कि भारत की नई पीढ़ी पर्यावरण की रक्षा को लेकर कितनी सजग और गंभीर है।इस समझौते के तहत, आध्या पॉल द्वारा डिज़ाइन की गई हाइड्रोजन-सौर हाइब्रिड टॉय कार को एक शैक्षिक किट के रूप में देशभर में व्यावसायिक रूप से वितरित किया जाएगा।
यह किट न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह युवाओं में सतत ऊर्जा, विशेष रूप से हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन स्रोतों के बारे में जागरूकता फैलाने का भी एक सशक्त माध्यम है। जहां आज के बाज़ार में विज्ञान से जुड़ी कई शिक्षण किट मौजूद हैं, वहीं हाइड्रोजन जैसे महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत को सरल भाषा में समझाने वाली ऐसी कोई भी किट अब तक व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं थी।
ट्रेड टोक्री के सीईओ और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल एसोसिएशन (उत्तराखंड) के अध्यक्ष, अमित गुप्ता ने इस समझौते पर बोलते हुए कहा, “यह केवल एक खिलौना कार नहीं है, बल्कि यह एक विचार है, एक आंदोलन, जो हमारे बच्चों को स्वच्छ ऊर्जा के महत्व और वैश्विक पर्यावरणीय संकटों के समाधान के प्रति सचेत करेगा।
हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, और इस बात को समझाने के लिए खेल और विज्ञान को जोड़ना एक बेहतरीन तरीका है। बच्चे जब खेल-खेल में किसी चीज़ को सीखते हैं, तो वह ज्ञान आजीवन उनके साथ रहता है। इस किट के माध्यम से वे न केवल ऊर्जा उत्पादन को समझेंगे, बल्कि यह भी जानेंगे कि वैश्विक तापवृद्धि (ग्लोबल वॉर्मिंग) को कम करने में यह तकनीक कैसे सहायक हो सकती है।”
अपनी यात्रा को साझा करते हुए आध्या पॉल ने बताया कि इस परियोजना की शुरुआत उन्होंने एक स्कूल विज्ञान प्रदर्शनी के लिए बनाई गई एक छोटी सी मॉडल से की थी, जिसमें उन्होंने पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन उत्पन्न कर एक LED बल्ब जलाया था। जब इस मॉडल को CBSE द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में चुना गया, तो उनके शिक्षक ने सुझाव दिया कि वे इस उत्पादित हाइड्रोजन का उपयोग एक खिलौना कार को चलाने में करें। कई असफलताओं, प्रयोगों और लगातार मेहनत के बाद वह आखिरकार इस मॉडल को विकसित करने में सफल रहीं।
इसके बाद यह मॉडल CBSE के राष्ट्रीय स्तर के शिविर में चयनित हुआ, जहाँ उन्होंने दिल्ली में महाराष्ट्र राज्य का प्रतिनिधित्व किया। यहीं से उन्हें यह विचार आया कि इस तकनीक को एक व्यापक शैक्षिक किट में बदला जाए ताकि देश के और बच्चे भी इस विज्ञान को न केवल समझें बल्कि उससे प्रेरित भी हों।
इस किट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह भारत में पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई है। यह न केवल एक खिलौना है, बल्कि यह छात्रों को विज्ञान, पर्यावरण और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में खोज करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ट्रेडटोक्री अब इस किट के व्यावसायिक प्रचार और वितरण का ज़िम्मा संभालेगी, जिससे यह किट देशभर के स्कूलों, विज्ञान केंद्रों और बच्चों तक पहुँच सकेगी।
इस समझौते से यह स्पष्ट है कि विज्ञान शिक्षा और नवाचार को लेकर भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। गौरतलब है कि आध्या पॉल ने इससे पहले भी विभिन्न विज्ञान प्रतियोगिताओं, ओलंपियाड्स और परीक्षाओं में भाग लेकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जो उनके मजबूत वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जिज्ञासु मन को दर्शाती हैं।
यह कदम केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय प्रेरणा है यह दिखाता है कि जब एक बच्ची पर्यावरण को बचाने की दिशा में तकनीक और विचार को जोड़ती है, तो वह एक नए भारत की नींव रखती है।
