बाइडेन प्रशासन ने कहा: भारत के लिये जीएसपी का सवाल उनके रडार में सबसे ऊपर
By भाषा | Published: February 26, 2021 03:59 PM2021-02-26T15:59:48+5:302021-02-26T15:59:48+5:30
वाशिंगटन, 28 फरवरी अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने इस बात के संकेत दिये हैं कि भारत के साथ जीएसपी के मामले को सुलझाना उनके एजेंडो में सबसे ऊपर है। बाइडेन प्रशासन के समक्ष अनेक सांसदों ने भारत की तरफ से इस मामले में की गई जवाबी कार्रवाई का मुद्दा उठाया था।
वर्ष 2019 में अमेरिका के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने अमेरिका के सामन्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) के तहत लाभार्थी के तौर पर भारत की पात्रता को समाप्त कर दिया था। तब अमेरिका ने कहा था कि भारत ने यह आश्वावसन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में अमेरिकी उत्पादों को समान और तर्कसंगत पहुंच उपलब्ध करायेगा।
जीएसपी अमेरिका का सबसे पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है। इसके तहत चुने हुये देशों के उत्पादों को अमेरिका के बाजारों में शुल्क मुक्त प्रवेश दिया जाता है। अमेरिका के इस कार्यक्रम के लाभार्थियों में भारत भी शामिल था, जिसे पिछले ट्रंप प्रशासन ने समाप्त कर दिया था।
अमेरिका की सीनेट वित्त समिति के कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के व्यापार प्रतिनिधि के पद की नामित कैथरीन सी टाई की इस पद के लिये पुष्टि को आयोजित बैठक के मौके पर यह मुद्दा उठा।
टाई ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भारत में जीएसपी के आपके सवाल पर मैं कहना चाहूंगी कि यदि सब ठीक हो जाता है तो यह मुद्दा मेरे एजेंडे में बहुत ऊपर है।’’ उन्होंने सीनेटर मारिया कैंटवेल के सवाल पर यह जवाब दिया। कैंटवेल ने कहा कि अमेरिकी तरफ से जीएसपी के लाभार्थियों की सूची से भारत को हटा दिये जाने के बाद उसने अनेक अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कार्रवाई करते हुये शुल्क बढ़ा दिया।
भारत को जीएसपी कार्यक्रम के तहत फायदा मिलता रहा है। वर्ष 2017 में भारत ने इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका को 5.7 अरब डालर का निर्यात किया था।
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