विश्लेषकों का मानना, बैंकों के विलय से दक्षता बढ़ेगी पर कम पूंजी, अधिक NPA के मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता

By भाषा | Updated: August 31, 2019 06:16 IST2019-08-31T06:16:00+5:302019-08-31T06:16:00+5:30

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत पर आ गयी, जो छह साल में सबसे निम्न स्तर है। मूडीज के वित्तीय संस्थाओं के समूह के उपाध्यक्ष श्रीकांत वादलामणि ने कहा कि बैंकों को मिलाने के इस कदम से उनकी परिचालन बेहतर होगी और उनकी प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूती देने में मदद मिलेगी।

Bank Merger can not tackle issues of low capital, higher NPAs says Analysts | विश्लेषकों का मानना, बैंकों के विलय से दक्षता बढ़ेगी पर कम पूंजी, अधिक NPA के मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता

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Highlightsविश्लेषकों की मानें तो सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ेगी लेकिन कम पूंजी और ऊंची गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) जैसे प्रमुख मुद्दे बने रहेंगे। वहीं उद्योग का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण से जुड़ा कदम जीडीपी वृद्धि दर की सुस्त रफ्तार से निपटने के सरकार के संकल्प को दिखाता है।

विश्लेषकों की मानें तो सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ेगी लेकिन कम पूंजी और ऊंची गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) जैसे प्रमुख मुद्दे बने रहेंगे। वहीं उद्योग का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण से जुड़ा कदम जीडीपी वृद्धि दर की सुस्त रफ्तार से निपटने के सरकार के संकल्प को दिखाता है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत पर आ गयी, जो छह साल में सबसे निम्न स्तर है। मूडीज के वित्तीय संस्थाओं के समूह के उपाध्यक्ष श्रीकांत वादलामणि ने कहा कि बैंकों को मिलाने के इस कदम से उनकी परिचालन बेहतर होगी और उनकी प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूती देने में मदद मिलेगी।

फिच की वित्तीय संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक शाश्वत गुहा ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है जो उन्हें भविष्य के लिहाज से तैयार करेगा। हालांकि यह वर्तमान समस्या का समाधान नहीं हैं, जहां बैंकों के पास पूंजी का अभाव है और गैर-निष्पादित आस्तियां बहुत अधिक हैं।

गुहा ने कहा, ''बैंकों को वृद्धि एवं अर्थव्यवस्था का सहायक बनने के लिए पूंजी की जरूरत होती है। जब तक पूंजी से जुड़े मुद्दे का समाधान नहीं होता, मुझे नहीं लगता कि बैंकों की ओर से बहुत अधिक गतिविधियां देखने को मिलेंगी।'' फिच के मुताबिक बैंकों को वित्त वर्ष 2020-21 तक 13-15 अरब डॉलर की जरूरत होगी जबकि सरकार इस साल उनमें 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।

सीतारमण ने भी इन 10 बैंकों में 55,250 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की है। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय से बड़े स्तर पर लाभ होगा और परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ेगी। इंडिया रेटिंग्स की वित्तीय संस्थाओं के प्रमुख प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि अधिकतर बड़े बैंकों का विलय हो रहा है एवं जरूरी नहीं है कि एंकर बैंक (जिसमें दूसरे बैंक का विलय होगा) अच्छी स्थिति में हो।

उन्होंने विलय प्रक्रिया को सुचारू तरीके से सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया। इकरा के अनिल गुप्ता ने कहा कि इस कदम के बाद परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को एक स्तर पर लाने की जरूरत होगी अन्यथा फंसे हुए ऋण के लिए प्रावधान को बढ़ाना पड़ सकता है, जैसा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के मामले में देखने को मिला। स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि विलय जोड़ने वाली गतिविधि है और स्पष्ट तौर पर इस तथ्य को दिखाता है कि बड़े बैंक बड़े झटके को झेलने में ज्यादा सक्षम होते हैं।

वहीं उद्योग की बात करें ते महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, ''निश्चित तौर पर इससे मेरा शुक्रवार खराब हो गया और सप्ताहांत का मजा फीका पड़ गया। बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। लेकिन मैं आशावादी हूं। निर्मला सीतारमण की ओर से बैंकों के विलय की घोषणा सुनकर खुशी हुई। हमें हर सप्ताह एक सुधार जैसे प्रेरक की जरूरत है।''

एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि अब सरकार और रिजर्व बैंक एक ही तरह के उपाय कर रही है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था सुधरेगी और चीजें बेहतर होंगी। फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि इस फैसले से वित्तीय आधार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है, जिसके बल पर हमें 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है।

वाहन उद्योग से जुड़े संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि इस तरह की घोषणाओं का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा, ग्राहकों की धारणा मजबूत होगी और वाहन उद्योग को फायदा होगा। 

Web Title: Bank Merger can not tackle issues of low capital, higher NPAs says Analysts

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