नयी दि्ल्ली, 30 दिसंबर दूरसंचार विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि आने वाले समय में ऑडियो कांफ्रेंसिंग, ऑडियोटेक्स और वॉयस मेल सेवाओं के लिए लाइसेंस देने का प्रारूप 'एकीकृत लाइसेंस' का ही एक हिस्सा होगा।
फिलहाल दूरसंचार विभाग की तरफ से मौजूदा मानकों के आधार पर ऑडियोटेक्स एवं वॉयस मेल जैसी सेवाओं के लिए एकल आधार पर लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
विभाग ने अपने बयान में कहा, "दूरसंचार नियामक ट्राई के सुझावों पर गौर करने के बाद यह तय किया गया है कि ऑडियो कांफ्रेंसिंग, ऑडियोटेक्स एवं वॉयस मेल सेवाएं एकीकृत लाइसेंस का ही हिस्सा होंगी। इसके लिए लाइसेंस देते समय अलग अध्याय जोड़ दिया जाएगा।"
इसके बावजूद मौजूदा लाइसेंस व्यवस्था से एकीकृत लाइसेंस व्यवस्था की तरफ बदलाव ऑडियो कांफ्रेंसिंग, ऑडियोटेक्स एवं वॉयस मेल सेवा के मौजुदा लाइसेंसधारकों के लिए वैकल्पिक होगा।
दूरसंचार विभाग ने कहा कि अब इन सेवाओं के लिए अलग से कोई भी लाइसेंस नहीं जारी किया जाएगा और न ही पुराने लाइसेंस नवीनीकृत किए जाएंगे।
नई व्यवस्था एक जनवरी, 2022 से लागू हो जाएगी। इसके तहत एकीकृत लाइसेंसधारक अखिल भारतीय स्तर पर सेवाएं दे सकेंगे लेकिन सिर्फ ऑडियो कांफ्रेंसिंग एवं वॉयस मेल का ही लाइसेंस रखने वाले पहले की तरह एसडीसीए सेवा ही दे पाएंगे।
नया लाइसेंस लेने वाली कंपनियों और मौजूदा लाइसेंसधारकों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का आठ प्रतिशत लाइसेंस शुल्क के तौर पर चुकाना होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।