नयी दिल्ली, 25 नवंबर सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) द्वारा बांड पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए प्रायोजित मंच (इकाईयों) में 6,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने का फैसला किया।
एनआईआईएफ प्रायोजित बांड निवेश मंच में असीम इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एआईएफएल) तथा एनआईआईएफ इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष द्वारा प्रायोजित एनआईआईएफ कर्ज सहायता मंच में 6,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने का फैसला किया है।’’
एनआईआईएफ इंफ्रास्ट्रक्चर बांड खरीद-बिक्री मंच द्वारा अगले पांच साल में ढांचागत क्षेत्र को ऋण के रूप में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का योगदान किया जाएगा। यह राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन की परिकल्पना के तहत ढांचागत क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने का काम करेगा।
इससे बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये बैंकों पर निर्भरता कम होगी।
आधिकारिक बयान के अनुसार 6,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
इन शर्तों के तहत चालू वर्ष 2020-21 के दौरान केवल 2,000 करोड़ रुपये आबंटित किए जाएंगे। हालांकि अप्रत्याशित वित्तीय स्थिति और कोविड-19 महामारी के कारण सीमित वित्तीय संसाधन की उपलब्धता को देखते हुए प्रस्तावित राशि तभी वितरित की जाएगी, जब बांड के जरिये पैसा जुटाने की तैयारी और मांग होगी।
एनआईआईएफ घरेलू तथा वैश्विक पेंशन कोष तथा सरकारी संपत्ति कोषों से इक्विटी निवेश प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
सरकार का यह निर्णय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 के अंतर्गत 12 नवम्बर, 2020 को घोषित 12 प्रमुख उपायों में एक है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा मंच (एनआईपी) के अनुसार अगले पांच वर्षों में ढांचागत क्षेत्र के विभिन्न उप क्षेत्रों में 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये बड़े पैमाने पर वित्त पोषण की जरूरत होगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।