भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25% शुल्क हटाएगा अमेरिका, मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा-8-10 सप्ताह में निकलेगा हल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2025 17:02 IST2025-09-18T17:01:30+5:302025-09-18T17:02:12+5:30

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क वृद्धि फैसले के बाद दोनों देशों के संबंध कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गए थे।

America donald trump remove additional 25 percent duty Indian products Modi government's Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran said solution 8-10 weeks | भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25% शुल्क हटाएगा अमेरिका, मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा-8-10 सप्ताह में निकलेगा हल

file photo

Highlightsपर्दे के पीछे दोनों सरकारों के बीच शुल्क विवाद को लेकर बातचीत जारी है।अमेरिका को भारतीय वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आ सकती है। वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

कोलकाताः मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि ऊंचे शुल्क को लेकर अमेरिका के साथ पैदा हुए विवाद का समाधान अगले आठ से दस सप्ताह में निकल सकता है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीद को लेकर 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। नागेश्वरन ने यहां उद्योग मंडल की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पर्दे के पीछे दोनों सरकारों के बीच शुल्क विवाद को लेकर बातचीत जारी है।

मेरा अनुमान है कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क का अगले आठ से दस सप्ताह में समाधान निकल आएगा।’’ हालांकि, उन्होंने इस बात को लेकर आगाह किया कि शुल्क जारी रहने की स्थिति में अमेरिका को भारतीय वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क वृद्धि फैसले के बाद दोनों देशों के संबंध कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गए थे।

हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर अनुकूल संकेत मिलने के बाद हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चा फिर शुरू हुई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भारत को निम्न-मध्य आय वाली आकांक्षी अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

कोविड महामारी के बाद भारत ने कई देशों की तुलना में तेज वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्रों की प्रगति के साथ ग्रामीण मांग में मजबूती और शहरी मांग में सुधार अगले दो वर्षों में आर्थिक वृद्धि को आधार देंगे। नागेश्वरन ने कहा कि हाल में जीएसटी दरों में दी गई राहत से उपभोक्ताओं के हाथ में अतिरिक्त आय बढ़ेगी।

एमएसएमई क्षेत्र को ऋण में वृद्धि हुई है और बड़ी उद्योग इकाइयों को कर्ज वितरण में संरचनात्मक बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 0.2 प्रतिशत रह गया और विदेशी मुद्रा भंडार भी स्वस्थ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है लेकिन अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए मुझे यकीन है कि दीर्घावधि में रुपया अपने मूल्य को बनाए रखेगा और उसमें मजबूती भी आएगी।’’ नागेश्वरन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में पूंजीगत खर्च, निजी निवेश को प्रोत्साहन और विनियामक ढांचे में सुधार शामिल हैं।

उन्होंने निजी क्षेत्र से नवाचार और शोध पर अधिक खर्च करने का आह्वान किया। अर्थव्यवस्था पर कृत्रिम मेधा (एआई) के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि इसका असर फिलहाल सीमित है लेकिन कोडिंग संबंधी नौकरियों पर दबाव रहेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों को अपना कौशल बढ़ाना होगा।

शहरी उपभोग आंकड़ों से कहीं ज्यादा मजबूत स्थिति मेंः मुख्य आर्थिक सलाहकार

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भले ही आंकड़ों में शहरी मांग में कमजोरी दिख रही है लेकिन वास्तविकता इससे कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा कि यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन की संख्या और छोटे उद्यमों पर खर्च में बढ़ोतरी उपभोग की मजबूती को दर्शाती है।

नागेश्वरन ने उद्योग मंडल ‘मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि खर्च का रुझान गैर-सूचीबद्ध कंपनियों और छोटे कारोबारों की तरफ बढ़ा है, जो आंकड़ों में पूरी तरह प्रतिबिंबित नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘‘सतह के स्तर पर भले ही शहरी मांग कमजोर दिखती है, लेकिन वास्तविक उपभोग हमारी सोच से कहीं अधिक टिकाऊ है।’’

उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में रेस्तरां, बेकरी एवं उपयोगिता खंडों के भीतर पिछले 13 महीनों में यूपीआई लेनदेन सालाना आधार पर दहाई अंक में बढ़ने का जिक्र भी किया। नागेश्वरन ने बताया कि कर कटौती, जीएसटी रियायतें, रोजगार प्रोत्साहन और कम खाद्य मुद्रास्फीति ने शहरी उपभोग को सहारा दिया है।

इसके साथ ही मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि ग्रामीण मांग भी वेतन वृद्धि, अधिक फसल बुवाई और ट्रैक्टर एवं दोपहिया वाहनों की मजबूत बिक्री के चलते बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को बैंक ऋण अच्छे स्तर पर है और पिछले छह साल में पूंजी बाजार से संसाधन जुटाने में 28.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।

नागेश्वरन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। समूचे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है, जिसमें ऊपरी स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। वैश्विक व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यात पर शुल्क वृद्धि के प्रभाव को लेकर चिंता है,

हालांकि अगले कुछ महीनों में समाधान की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यदि यह मुद्दा वित्त वर्ष 2025-26 से आगे भी बना रहता है तो देश की वृद्धि पर असर पड़ सकता है। नागेश्वरन ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद देश का वार्षिक वस्तु एवं सेवा निर्यात 850 अरब डॉलर के करीब है और एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की दिशा में अग्रसर है।

Web Title: America donald trump remove additional 25 percent duty Indian products Modi government's Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran said solution 8-10 weeks

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे