हवाई यातायात अलर्ट?, मुंबई के आसपास जीपीएस सिग्नल के नुकसान की चेतावनी, जानिए पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 13, 2025 18:50 IST2025-11-13T18:36:03+5:302025-11-13T18:50:05+5:30

Air traffic alert: राजधानी के पास उड़ान भरने वाले पायलटों ने अपने नेविगेशन डेटा में विसंगतियों की सूचना दी।

Air traffic alert India warns of possible GPS signal loss around Mumbai, issues NOTAM | हवाई यातायात अलर्ट?, मुंबई के आसपास जीपीएस सिग्नल के नुकसान की चेतावनी, जानिए पूरा मामला

Air traffic alert

Highlightsभारतीय हवाई क्षेत्र में दर्ज की गई इस तरह की पहली घटना है।घटना की सूचना अब पता चलने के 10 मिनट के भीतर देनी होगी।13-17 नवंबर 2025 तक मान्य है।

मुंबईः बड़ी खबर! नई दिल्ली में जीपीएस के कारण हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में तकनीकी खामी के कारण लगभग 800 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देर हुई थीं। मुंबई के निकट प्रमुख हवाई मार्गों पर जीपीएस को लेकर NOTAM चेतावनी जारी की है। 13-17 नवंबर 2025 तक मान्य है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने आदेश दिया है कि GPS स्पूफिंग या असामान्य उपग्रह नेविगेशन व्यवहार की किसी भी घटना की सूचना अब पता चलने के 10 मिनट के भीतर देनी होगी। पायलटों, हवाई यातायात नियंत्रकों (ATC) और तकनीकी इकाइयों के लिए विमानन निकाय का यह नया सुरक्षा निर्देश दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) के पास GPS स्पूफिंग की कई रिपोर्टों के बाद आया है, जो भारतीय हवाई क्षेत्र में दर्ज की गई इस तरह की पहली घटना है। राजधानी के पास उड़ान भरने वाले पायलटों ने अपने नेविगेशन डेटा में विसंगतियों की सूचना दी।

रक्षा विश्लेषक डेमियन साइमन के अनुसार भारत ने मुंबई के निकट अपने हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात मार्गों पर संभावित जीपीएस हस्तक्षेप या सिग्नल हानि के बारे में विमानों को सचेत करने के लिए एक नोटिस टू एयर मिशन (NOTAM) जारी किया है। NOTAM, जो 13 से 17 नवंबर, 2025 तक मान्य है।

इस क्षेत्र में परिचालन करने वाले पायलटों और एयरलाइनों को उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणालियों में संभावित व्यवधानों के प्रति सतर्क रहने के लिए आगाह करता है। एआई विश्लेषण फर्म द इंटेल लैब के भू-खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने X पर एक पोस्ट में इस घटनाक्रम की पुष्टि की।

जीपीएस उपकरण एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो उपग्रह संकेतों की मदद से पृथ्वी पर अपनी सटीक स्थिति निर्धारित और प्रदर्शित करता है। इसका उपयोग आमतौर पर नौवहन, ट्रैकिंग और मानचित्रण में किया जाता है। भारत में गार्मिन जीपीएस उपकरण रखना प्रतिबंधित है, और इसका उपयोग केवल सरकारी अनुमति प्राप्त होने पर ही किया जा सकता है।

यह एडवाइजरी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा एयरलाइनों, पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं की सूचना घटना के 10 मिनट के भीतर देने के निर्देश के कुछ दिनों बाद आई है। नई दिल्ली के आसपास भी इसी तरह की गड़बड़ी देखी गई, जिससे वाणिज्यिक और सैन्य विमानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सिग्नल की सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

दिल्ली हवाई अड्डे पर शुक्रवार को अफरातफरी मच गयी थी, क्योंकि हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में तकनीकी खामी के कारण लगभग 800 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देर हुई। हवाई अड्डे पर सभी विमानन कंपनियों की उड़ानों के परिचालन प्रभावित हुए हैं और अधिकारी खामी को ठीक करने के लिए लगे रहे।

इंडिगो, एअर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी विमानन कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में तकनीकी खामी के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर उनकी उड़ानों में देरी हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए) प्रतिदिन 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन करता है और देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।

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