लाइव न्यूज़ :

अदाणी विल्मर ने फार्चून ब्रांड के 20 वर्ष पूरे किये, नये संसंत्रों की स्थापना की जायेगी

By भाषा | Updated: November 24, 2020 21:13 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 24 नवंबर खाद्य तेल कंपनी अडानी विल्मर ने मंगलवार को कहा कि उसका वार्षिक राजस्व 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है और वह खाद्य तेल, खाद्य एवं व्यक्तिगत देखभाल सामग्री व्यवसायों में योजनाबद्ध क्षमता विस्तार के साथ विकास यात्रा जारी रखेगी।

गुजरात स्थित अडानी विल्मर, जो व्यापार समूह अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है, का गठन 1999 में किया गया था, मंगलवार को उसके प्रमुख 'फॉर्च्यून' ब्रांड के संचालन के 20 साल पूरे हुए जो 24 नवंबर 2000 को जयपुर में लॉन्च किया गया था।

फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कंपनी खाद्य तेलों के साथ-साथ खाद्य उत्पाद जैसे गेहूं का आटा, बेसन, चावल, दाल, चीनी और सोया नगेट्स भी बेचती है। यह अरंडी के तेल और व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं के व्यवसाय में भी है, जिसके तहत यह साबुन बनाती है।

एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, अडानी विल्मर के डिप्टी सीईओ अंगशु मल्लिक ने 20 वर्षों के संचालन को रोचक और चुनौतीपूर्ण बताया।

कंपनी के राजस्व के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि यह 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का है, जिसमें से खाद्य तेल का कारोबार लगभग 24,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी की दोहरे अंकों में वृद्धि जारी रहेगी, खाद्य व्यवसाय में वृद्धि खाद्य तेलों की तुलना में अधिक की होगी।

उन्होंने कहा कि तदनुसार, कुल कारोबार में खाद्य कारोबार की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ेगी।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी अपनी क्षमताओं के विस्तार के लिए खाद्य तेल, खाद्य व्यवसाय खंड जैसे गेहूं के आटे और व्यक्तिगत देखभाल सामग्री खंड में अपने खुद के विनिर्माण संयंत्रों को स्थापित करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम खाद्य और व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्रों में अधिक कारखाने स्थापित करेंगे। हम सरसों के तेल के कारोबार में भी अधिक निवेश करेंगे।’’ लेकिन उन्होंने इस संदर्भ में निवेश के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया।

मल्लिक ने कहा कि कंपनी ने हरियाणा के सोनीपत में 55 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है, जहां वह विभिन्न उत्पादों के लिए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी।

कंपनी ने डेयरी व्यवसाय में प्रवेश से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि कंपनी मसालों के व्यवसाय में निवेश पर विचार कर सकती है।

मल्लिक ने उल्लेख किया कि उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं पैक खाद्य पदार्थों की ओर बदल रही हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यछुट्टियों में भी फिट कैसे रहें, जिम और रूटीन बाधित होने पर अपनाएँ ये आसान उपाय

क्राइम अलर्टमधुबनी में 50 वर्षीय पिता लालबाबू सदा और 15 वर्षीय बेटे दीपक सदा की चाकू से गोंदा, रुपए लेन-देन में गई जान

कारोबारनए साल में झटका, 1 जनवरी 2026 से 3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी, एथर एनर्जी की घोषणा

भारतभारतीय एथलेटिक्स 2025ः नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर की दूरी हासिल की?, डोपिंग डंक भी डसता रहा, इन खिलाड़ी पर गाज?

भारतहिजाब विवाद के बीच पीएम मोदी और अमित शाह से मिले नीतीश कुमार?, दिल्ली में 30 मिनट तक बातचीत, वीडियो

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारFree Trade Agreement: ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद न्यूजीलैंड, 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम, जानें मुक्त व्यापार समझौते के फायदे

कारोबारसाल 2025 में 21361 अंतरराष्ट्रीय और 10.47 लाख से ज्‍यादा घरेलू पर्यटक पहुंचे, कुल पर्यटकों की संख्या 10,68,811, देखिए 12 माह रिपोर्ट कार्ड

कारोबार1118.7 करोड़ रुपये में डील, वरुण बेवरेजेज ने दक्षिण अफ्रीका स्थित कंपनी ट्विजा को किया अधिग्रहण

कारोबारहजार छोटे छोटे घाव देकर खत्म करने की रणनीति?, मोदी सरकार पर मनरेगा खत्म करने का आरोप, सोनिया गांधी ने लिखा लेख

कारोबारEPFO ​​मेंबर्स कैसे डाउनलोड करें अपनी यूएएन पासबुक? जानें ऑनलाइन का सबसे आसान तरीका